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ऋतुसंहार
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ताम्रप्रवालस्तबकावनम्राश्चूतदुमाः पुष्पितचारुशाखाः । 6/17
लाल-लाल कोपलों के गुच्छों से झुके हुए और सुंदर मंजरियों से लदी हुई शाखाओं वाले आम के पेड़ ।
रुचिरकनककातीन्मुञ्चतः पुष्पराशीन्
3. सहकार- [ सह + कारः] आम का पेड़ ।
आकम्पयन्कुसुमितः सहकारशाखा
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मृदुपवनविधूतान्पुष्पिताँश्चूतवृक्षान् । 6/30
पवन के झोंके से हिलते हुए और सुंदर सुनहले बौर गिराने वाले, बौरे हुए आम के वृक्षों को सामने देखता है।
चूतामोदसुगन्धिमन्दपवनः शृङ्गारदीक्षागुरुः
कल्पान्तं मदनप्रियो दिशतु वः पुष्पागमां मङ्गलम् । 6 / 36
आम के बौरों की सुगंध में बसे हुए मंद-मंद पवन से यह शृंगार की शिक्षा देने वाला और काम का मित्र वसंत आप लोगों को सदा प्रसन्न रखे।
विस्तारयन्परभृतस्यवचांसि दिक्षु । 6/24
आजकल मंजरियों से लदी आम की डालों को हिलाने वाला और कोयल के संदेशों को चारों ओर फैलाने वाला ।
कान्तावियोगपरिखेदितचित्तवृत्ति
र्दृष्ट्वाऽध्वगःकुसुमितान्सहकारवृक्षान्। 6/28
अपनी स्त्रियों से दूर रहने के कारण जिसका जी बेचैन हो रहा है, वे यात्री जब मंजरियों से लदे हुए आम के पेड़ देखते हैं ।
समदमधुकराणां कोकिलानां च नादैः
कुसुमितसहकारैः कर्णिकारैश्च रम्यः । 6/29
कोयल और मदमाते भौंरों के स्वरों से गूँजते हुए बौरे हुए आम के वृक्षों से भरा हुआ और मनोहर कौर के फूलों वाले ।
आकम्पितानि हृदयानि मनस्विनीनां
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वातैः प्रफुल्लसहकारकृताधिवासैः । 6/34
बरे हुए आम के पेड़ों में बसे हुए पवन से मनस्विनी स्त्रियों के मन भी डिग जाते हैं।