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कालिदास पर्याय कोश
8. पयोद - [ पय् + असुन्, पा + असुन् + दः] बादल।
संलक्ष्यते पवनवेगचलैः पयोदै राजेव चामरशतैरुपवीज्यमानः। 3/4 पवन के सहारे इधर-उधर घूम रहे बादलों से भरा हुआ आकाश ऐसा लगने
लगा है, मानो किसी राजा पर सैकड़ों चँवर डुलाए जा रहे हैं। १. पयोधर - [ पय + असुन्, पा + असुन्, धरः] बादल।
पयोधरैर्भीमगभीरनिस्वनैस्तडिभिरुद्वेजितचेतसो भृशम्। 2/11 बादलों की घोर कड़क सुनकर और बिजली की तड़पन से चौंकी हुई। तडिल्लताशक्रधनुर्विभूषिताः पयोधरास्तोयभरावलम्बिनः। 2/20 एक ओर तो इंद्रधनुष और बिजली के चमकते हुए पतले धागों से सजी हुई
और पानी के भार से झुकी हुई घटाएँ। 10. पयोमुच - [ पय + असुन्, पा + असुन् + मुचः] बादल।
अभीक्ष्णमुच्चैर्ध्वनता पयोमुचा घनान्धकारीकृतशर्वरीष्वपि। 2/10 गरजते हुए बादलों से घिरी हुई घनी अंधेरी रात में भी। प्रयान्ति मन्दं बहुधारवर्षिणो बलाहकाः श्रोत्रमनोहरस्वनाः। 2/3 धुआँधार पानी बरसाने वाले और कानों को भली लगने वाली गड़गड़ाहट करते हुए बादल धीरे-धीरे घिरते चले जा रहे हैं। बलाहकाश्चाशनिशब्दमर्दलाः सुरेन्द्रचापं दधतस्तडिद्गुणम्। 2/4 मृदंग के समान गड़गड़ाते हुए, बिजली की डोरी वाला इंद्रधनुष चढाए हुए ये
बादल। 12. मेघ - [मेहति वर्षति जलम्, मिह + घञ्, कुत्वम्] बादल।
तारागणप्रवरभूषणमुद्वहन्ती मेघावरोधपरिमुक्त शशाङ्कवक्त्रा। 3/7 बादल हटे हुए चंद्रमा के मुंह वाली आजकल की रात, तारों के सुहावने गहने पहने हुए चली जा रही है। श्रियमतिशयरूपां व्योम तोयाशयनां वहति विगतमेघ चन्द्रताराव- कीर्णम्। 3/21 बादलों के चले जाने से खिले हुए चंद्रमा और छिटके हुए तारों से भरा आकाश उन तालों के समान दिखाई पड़ रहा है।
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