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ऋतुसंहार
लुभावनी साँझें, छिटकी हुई चंद्रमा की किरणें, कोयल की कूक, सुगंधित
पवन। 3. चन्द्रमा - [ चन्द्र + मि + असुन्, मादेशः] चाँद, चंद्रमा।
प्रचण्ड सूर्यः स्पृहणीयचन्द्रमाः सदावगाह क्षत वारिसंचयः। 1/1 धूप बड़ी कड़ी हो गई है, और चंद्रमा बड़ा सुहावना लगता है। आजकल दिन-रात गहरे जल में कोई चाहे तो स्नान कर सकता है। सितेषु हर्येषु निशासु योषितां सुखप्रसुप्तानि मुखानि चन्द्रमाः। 119 रात के समय उजले भवन में सुख से सोई हुई युवती का मुख निहारने को उतावला रहने वाला चंद्रमा। शशाङ्क - [ शश् + अच् + अङ्कः] चाँद, चंद्रमा। निशाः शशाङ्कक्षतनीलराजयः क्वचिद्विचित्रं जलयन्त्र मन्दिरम्। 1/2 लोग यह चाहते हैं कि रात में खिले हुए चंद्रमा की चाँदनी छिटकी हुई हो, रंग-बिरंगे फव्वारों के तले हम लोग बैठे हुए हों। तारागणप्रवरभूषणमुद्वहन्ती मेघावरोधपरिमुक्तशशाङ्कवकना। 3/7 बादल हटे हुए चंद्रमा के मुंह वाली आजकल की रात, तारों के सुहावने गहने पहने चली जा रही है। स्त्रीणां विहाय वदनेषु शशाङ्कलक्ष्मी काम्यं च हंसवचनं मणिनूपुरेषु। 3/27 कहीं तो चंद्रमा की चमक को छोड़कर स्त्रियों के मुंह में पहुंच गई, कहीं हंसों की मीठी बोली छोड़कर उनके रतन-जड़े बिछुओं में चली गई है। तुषारसंघातनिपातशीतलाः शशाङ्कमाभिः शिशिरीकृताः पुनः। 5/4 घने पाले से कड़कड़ाते जाड़ों वाली रात, चंद्रमा की किरणों से और भी ठंडी बनी हुई है। वापीजलानां मणिमेखलानां शशाङ्कभासां प्रमदाजनानाम्। 6/4 बावड़ियों के जल, मणियों से जड़ी करधनियाँ, चद्रमा की किरणें (चाँदनी),
स्त्रियाँ। 5. शशि - [ शशोऽस्त्यस्य] चंद्रमा, चाँद।
अनङ्गसंदीपनमासु कुर्वते यथा प्रदोषाः शशिचारुभूषणा। 1/12
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