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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 772 कालिदास पर्याय कोश 8. पयोद - [ पय् + असुन्, पा + असुन् + दः] बादल। संलक्ष्यते पवनवेगचलैः पयोदै राजेव चामरशतैरुपवीज्यमानः। 3/4 पवन के सहारे इधर-उधर घूम रहे बादलों से भरा हुआ आकाश ऐसा लगने लगा है, मानो किसी राजा पर सैकड़ों चँवर डुलाए जा रहे हैं। १. पयोधर - [ पय + असुन्, पा + असुन्, धरः] बादल। पयोधरैर्भीमगभीरनिस्वनैस्तडिभिरुद्वेजितचेतसो भृशम्। 2/11 बादलों की घोर कड़क सुनकर और बिजली की तड़पन से चौंकी हुई। तडिल्लताशक्रधनुर्विभूषिताः पयोधरास्तोयभरावलम्बिनः। 2/20 एक ओर तो इंद्रधनुष और बिजली के चमकते हुए पतले धागों से सजी हुई और पानी के भार से झुकी हुई घटाएँ। 10. पयोमुच - [ पय + असुन्, पा + असुन् + मुचः] बादल। अभीक्ष्णमुच्चैर्ध्वनता पयोमुचा घनान्धकारीकृतशर्वरीष्वपि। 2/10 गरजते हुए बादलों से घिरी हुई घनी अंधेरी रात में भी। प्रयान्ति मन्दं बहुधारवर्षिणो बलाहकाः श्रोत्रमनोहरस्वनाः। 2/3 धुआँधार पानी बरसाने वाले और कानों को भली लगने वाली गड़गड़ाहट करते हुए बादल धीरे-धीरे घिरते चले जा रहे हैं। बलाहकाश्चाशनिशब्दमर्दलाः सुरेन्द्रचापं दधतस्तडिद्गुणम्। 2/4 मृदंग के समान गड़गड़ाते हुए, बिजली की डोरी वाला इंद्रधनुष चढाए हुए ये बादल। 12. मेघ - [मेहति वर्षति जलम्, मिह + घञ्, कुत्वम्] बादल। तारागणप्रवरभूषणमुद्वहन्ती मेघावरोधपरिमुक्त शशाङ्कवक्त्रा। 3/7 बादल हटे हुए चंद्रमा के मुंह वाली आजकल की रात, तारों के सुहावने गहने पहने हुए चली जा रही है। श्रियमतिशयरूपां व्योम तोयाशयनां वहति विगतमेघ चन्द्रताराव- कीर्णम्। 3/21 बादलों के चले जाने से खिले हुए चंद्रमा और छिटके हुए तारों से भरा आकाश उन तालों के समान दिखाई पड़ रहा है। For Private And Personal Use Only
SR No.020427
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages441
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size15 MB
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