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मेघदूतम् 5. दयिता - [दय् + क्त + टाप्] पत्नी, प्रेयसी।
प्रत्यासन्ने नभसि दयिता जीवितालम्बनार्थी जीमूतेन। पू० मे० 4 . आकाश में बादल के देखते ही उसने सोचा कि अपनी प्यारी को ढाढ़स बंधाने
के लिए और उसके प्राण बचाने के लिए, इन बादलों के हाथ ही। 6. पत्नी - [पति + ङीप, नुक्] सहधर्मिणी, भार्या।
तां चावश्यं दिवसगणनातत्परामेक पत्नीम्। पू० मे०१ उस पतिव्रता पत्नी को अवश्य ही पा जाओगे जो बैठी मेरे लौटने के दिन गिन
रही होगी। 7. प्रणयिनी - [प्रणय + इनि + ङीप्] गृहिणी, प्रियतमा, पत्नी।
कण्ठाश्लेष प्रणयिजने किं पुनर्दूर संस्थे। पू० मे० 3 उस बिछोही को तो कहना ही क्या, जो दूर देश में पड़ा हुआ, अपनी प्यारी के गले लगने के लिए दिन-रात तड़प रहा हो। तस्योत्सङ्गे प्रणयिन इव स्रस्तगंगा दूकूलां न त्वं दृष्ट्वा पुनरलकां ज्ञास्यसे कामिचारिन्। पू० मे० 67 उसी की गोद में अलका वैसे ही बसी हुई है, जैसे अपने प्यारे की गोद में कोई कामिनी बैठी हो और वहीं से निकली हुई गंगाजी की धारा ऐसी लगती है, मानो उस कामिनी के शरीर पर से सरकी हुई उसकी साड़ी हो। माभूदस्याः प्रणयिनि मयि स्वजलब्धे कथं चित्सद्यः। उ० मे0 39
यदि मेरी प्यारी कहीं स्वप्न में मुझसे कसकर लिपटी हुई हो तो। 8. प्रिया - [प्री + क + यप्] पत्नी, स्वामिनी।
संतप्तानां त्वमसि शरणं तत्पयोदः प्रियायाः सन्देशं मे। पू० मे07 अकेले तुम्हीं तो संसार के तपे हुए प्राणियों को ठंडक देने वाले हो, इसलिए मुझ बिछोही का संदेशा भी तुम्हीं मेरी प्यारी के पास पहुँचा आओ। नूनं तस्याः प्रबलरुदितोच्छूननेत्रं प्रियायाः। उ० मे० 24
मेरे बिछोह में रोते-रोते मेरी प्यारी की आँखें सूज गईं होंगी। 9. सहचरी - [सह + चरी] पत्नी, सखी।
सोत्कम्पानि प्रिय सहचरी संभ्रमालिङ्गितानि। पू० मे० 23
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