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मेघदूतम्
2. चण्डी - दुर्गा, पार्वती, पार्वती का विशेषण ।
3. भवानी [भव + ङीष् आनुक] पार्वती का नाम,
पुण्यं यायास्त्रिभुवनगुरोर्धामचण्डीश्वरस्य । पू० मे० 37
तीनों लोकों के स्वामी और चंडी के पति महाकाल के पवित्र मंदिर की ओर चले जाना।
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जनकतनया
. पार्वती ।
शान्तोद्वेगस्तिमितनयनं दृष्टभक्तिर्भवान्या । पू० मे० 40
पार्वतीजी एकटक होकर शिवजी में तुम्हारी इतनी भक्ति देखती रह जाएँगी । भवानी पुत्र प्रेम्णा कुवलयदल प्रापि कर्णे करोति । पू० मे० 48 पार्वतीजी, पुत्र पर प्रेम, दिखाने के लिए अपने उन कानों पर सजा लेती हैं, जिन पर वे कमल की पंखड़ी सजाया करती थीं ।
चन्द्रिका
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1. चन्द्रपाद [ चन्द् + णिच् + रक् + पादः] चंद्रकिरण, चाँदनी । त्वत्संरोधापगमविशदैश्चन्द्रपादैर्निशीथे । उ० मे० 9
वहाँ आधी रात के समय, खुली चाँदनी में।
2. चन्द्रिका - [ चन्द्र + ठन् + यप्] चाँदनी, ज्योत्स्ना ।
बाह्योद्यानस्थितहरशिरश्चन्द्रिका धौत हर्म्या । पू० मे० 7
भवनों में, बस्ती के बाहर वाले उद्यान में बनी हुई शिवजी की मूर्ति के सिर पर जड़ी हुई चन्द्रिका से सदा उजाला रहता है।
निर्वेक्ष्यावः परिणतशरच्चन्द्रिकासु क्षपासु । उ0 मे० 53
मन की सब साधें सुहावनी चाँदनी रात में पूरी कर ही डालेंगे।
1. जनकतनया [ जनक + तनया] सीता ।
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3. ज्योत्सना - [ ज्योतिरस्ति ऽस्याम् - ज्योतिस् + न, उपधालोपः ] चंद्रमा का प्रकाश, चाँदनी ।
नित्य ज्योत्सना: प्रतिहततमोवृत्तिरम्याः प्रदोषाः । उ० मे० 3
वहाँ की रातें सदा चाँदनी रहने से बड़ी उजली और मन भावनी होती हैं।
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