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कालिदास पर्याय कोश पहाड़ जैसे डील-डौल वाले वहाँ के हाथी वैसे ही मद बरसाते हैं, जैसे तुम
पानी बरसाते हो। 2. कलभ - [कल् + अभच्] हाथी का बच्चा, हाथी।
गत्वा सद्यः कलभतनुतां शीघ्रसंपात हेतोः। उ० मे0 21 यदि तुम्हें मेरे घर में झट से पैठना हो तो चट से हाथी के बच्चे जैसे छोटे
बनकर। 3. गज - [मज् + अच्] हाथी।
आषाढस्य प्रथम दिवसे मेघमाश्लिष्टसार्नु वप्रक्रीडा परिणत गज प्रेक्षणीयं ददर्श। पू० मे० 2 आषाढ़ के पहले ही दिन वह देखता क्या है कि सामने पहाड़ी की चोटी से लिपट बादल ऐसा लग रहा है, मानो कोई हाथी अपने माथे की टक्कर से मिट्टी के टीले को ढहाने का खेल कर रहा हो। रेवां द्रक्ष्यस्युपलविषमे विन्ध्यपादे विशीर्णा भक्तिच्छेदैरिव विरचितां भूतिमङ्गे गजस्य। पू० मे० 20 विंध्याचल के ऊबड़-खाबड़ पठार पर बहुत सी धाराओं में फैली हुई रेवा नदी ऐसी दिखाई देंगी, मानो किसी ने बड़े प्यार से हाथी का शरीर भभूत से चीत दिया हो। तस्यास्तिक्तैर्वनगजमदैर्वासितं वान्तवृष्टिजम्बूकुञ्जप्रतिहरयं तोयमादाय गच्छेः । पू० मे० 21 वहाँ जल बरसा चुको, तो जंगली हाथियों के सुगंधित मद में बसा हुआ और
जामुन की कुओं में बहता हुआ जल पीकर आगे बढ़ना। 4. दन्तिन् - [ दन्त + इनि] हाथी।
स्रोतोरन्ध्रध्वनित सुभगं दन्तिभिः पीयमानः। पू० मे० 46
जिसे चिंग्घाड़ते हुए हाथी अपनी सूंड़ों से पी रहे होंगे। 5. द्विरद - [द्वि + रदः] हाथी।
सद्यः कत्तद्विरददशनच्छेदगौरस्य तस्य। पू० मे0 63 कैलास तुरंत काटे हुए हाथी के दाँत के समान गोरा है।
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