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कुमारसंभव
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बिसतन्तु
1. बिसतन्तु :-[बिस्+क+तन्तुः] कमल का रेशा।
बिसतन्तु गुणस्य कारितं धनुष: पेलव पुष्प पत्रिणः। 4/29 तुम्हारे कमल की तन्तु से बनी हुई डोरी वाले, फूलों के बाण वाले धनुष का
लोहा मानते थे। 2. मृणाल :-[मृण+कालन्] कमल की तन्तुमय जड़, कमल-तन्तु।
मध्ये यथा श्याम मुखस्य तस्य मृणालसूत्रान्तरमप्यलभ्यम्। 1/40 साँवली घुडियों वाले स्तनों के बीच इतना भी स्थान नहीं रह गया कि कमल नाल का एक सूत भी समा सके।
बुध 1. बुध :-वि० [बुध्+क] बुद्धिमान्, चतुर, विद्वान्।
यदा बुधैः सर्वगतस्त्वमुच्यसेनवेत्सिभावस्थमिमं कथं जनम्। 5/58 आपके लिए पंडित लोग तो कहते हैं कि आप घर-घर की बातें जानते हैं, फिर आप मेरे जी की जलन क्यों नहीं जान पाते, जो आपको सच्चे मन से प्यार
करती है। 2. मनीषी :-[मनीषा+इनि] बुद्धिमान्, विद्वान्, चतुर, समझदार।
संस्कारत्येव गिरा मनीषी तया स पूतश्च विभूषितश्च। 1/28 व्याकरण से शुद्ध वाणी पाकर विद्वान् लोग पवित्र और सुन्दर लगने लगते हैं, वैसे ही पार्वती जी को पाकर हिमवान भी पवित्र और सुन्दर हो गए। यतः सतां संनतगात्रि संगतं मनीषिभिः साप्तपदीनमुच्यते। 5/39 हे सुन्दरी! यह कहा जाता है कि सज्जन लोगों की पहली ही भेंट में उनकी मित्रता पक्की हो जाती है।
अनावृत्तिभयं यस्य पदमाहुर्मनीषिणाः। 6/77 जिनके लिए विद्वानों का कहना है, कि वे जन्म-मरण के बंधनों से बाहर ही हैं।
भा
1. भा :-चमकना, उज्जवल होना, चमकीला होना, जगमगाना, दिखाई देना।
भासोज्जवलत्काञ्चन तोरणानां स्थानांतरं स्वर्ग इवावभासे। 7/3
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