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मेघदूतम् 2. रशना - [ अश् + युच्, रशादेशः] कटिबंध, कमरबंद, करधनी, मेखला।
पादन्यासैः क्वणितरशनास्तत्र लीलावधूतैः। पू० मे 39 पैरों पर थिरकती हुई वेश्याओं की करधनी के धुंघरू बड़े मीठे-मीठे बज रहे
होंगे।
हंसश्रेणीरचितरशना नित्यपद्मा नलिन्यः। पू० मे० 3 बारहमासी कमल और कमलिनियों को हँसों की पाँते करधनी की तरह घेरे रहती हैं।
कान्ता
1. अंगना - [प्रशस्तम् अङ्गम् अस्ति यस्याः - अङ्ग + न + टाप्] स्त्री, सुंदर स्त्री।
आशाबन्धः कुसुमसदृशं प्रायसो ह्यङ्गनानां । सद्यः पाति प्रणयि हृदयं विप्रयोगे रुणद्धिः। पू० मे०१ प्रेमियों का फूल जैसा कोमल हृदय, बस मिलने की आशा के बल पर ही अटका रहता है। इसलिए स्त्रियों के जो हृदय अपने प्रेमियों से बिछुड़ने पर एक क्षण नहीं टिके रह सकते, वे इसी आशा के भरोसे उन स्त्रियों को जिलाये रखते
हैं।
अद्रेः शृङ्गं हरति पवनः किंस्विदित्युन्मुखीभिदृष्टोत्साहश्चकितचकितं मुग्ध सिद्धाङ्गनाभिः। पू० मे० 14 सिद्धों की भोली-भाली स्त्रियाँ आँखें फाड़-फाड़कर तुम्हारी ओर देखती हुई सोचेंगी कि कहीं पहाड़ी की चोटी को पवन तो नहीं उड़ाए लिए चला जा रहा
विद्युद्दामस्फुरितचकितैस्तत्र पौराङ्गनानां लोलापाङ्गैर्यदि न रमसे लोचनैवञ्चितोऽसि। पू० मे० 29 तुम्हारी बिजली की चमक से डरकर नगर की स्त्रियाँ जो चंचल चितवन चलावेंगी उन पर यदि तुम न रीझे तो। मत्सङ्गं वा हृदयनिहितारम्भमास्वादयन्ती प्रायेणैते रमणविहरेष्वङ्गनानां विनोदाः। उ० मे० 27 वह मेरे साथ किए हुए संभोग के आनंद का मन ही मन रस लेती हुई बैठी होगी,
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