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मेघदूतम्
8. योषिता [ योषित् + यप्] स्त्री, लड़की, तरुणी, जवान स्त्री ।
गच्छन्तीनां रमणवसतिं योषितां तत्र नक्तं
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रुद्ध लोके नरपति पथे सूचिभेद्यैस्तमोभिः । पू० मे041
वहाँ पर जो स्त्रियाँ अपने प्यारों से मिलने के लिए घनी अंधेरी रात में निकली होंगी, उन्हें जब सड़कों पर अंधेरे के मारे कुछ भी न सूझता होगा, उन्हें मार्ग दिखा देना ।
तस्मिन्काले नयनसलिलं योषिता खण्डितानां
शान्तिं नेयं प्रणयभिरतो वर्त्म भानोस्त्यजाशु । पू० मे० 43
उस समय बहुत से प्रेमी लोग अपनी उन स्त्रियों के आँसू पोंछ रहे होंगे, जिन्हें रात को अकेली छोड़कर वे कहीं दूसरी ठौर पर रमे होंगे। इसलिए उस समय सूर्य को भी मत ढकना ।
9. वधू - [ उह्यते पितृगेहात् पतिगृहं वह + ऊधुक् ] दुलहिन, पत्नी, महिला, तरुणी, स्त्री ।
त्वय्यायत्तं कृषिफलमिति भ्रूविलासानभिज्ञैः
प्रीतिस्निग्धैर्जनपदवधूलोचनैः पीयमानः । पू० मे0 16
खेती का होना न होना भी सब तुम्हारे ही भरोसे है, इसलिये किसानों की वे भोली-भाली स्त्रियाँ भी तुम्हें बड़े प्रेम और आदर से देखेंगीं, जिन्हें भौं चलाकर रिझाना नहीं आता ।
स्थित्वा तस्मिन्वनवधूभुक्तकुञ्जे मुहूर्तं
तोयोत्सर्ग दुततरगतिस्तत्परं वर्त्म तीर्णः । पू० मे० 20
जिन कुञ्जों में जंगली स्त्रियाँ घूमा करती हैं, वहाँ थोड़ी देर ठहरना और फिर डग बढ़ाकर चल देना, क्योंकि जल बरसा देने पर तुम्हारी चाल भी बढ़ जाएगी।
पादन्यासैः क्वणितरशनास्तत्र लीलावधूतै
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रत्नच्छायाखचितबलिभिश्चामरैः क्लान्तहस्ताः । पू० मे० 39
पैरों पर थिरकती हुई जिन वेश्या स्त्रियों की करधनी के घुंघरू बड़े मीठे-मीठे बज रहे होंगे और जिनके हाथ, कंगन के नगों की चमक से दमकते हुए दंड वाले चँवर डुलाते-डुलाते थक गए होंगे।