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कालिदास पर्याय कोश कुन्दक्षेपानुगममधुकरश्रीमुषामात्मबिम्बं पात्रीकुर्वन्दशपुरवधू नेत्र कौतूहलानाम्। पू० मे० 51 दशपुर की उन रमणियों को रिझाना जिनकी कटीली काली-काली भौंहें ऐसी जान पड़ेंगी, मानों उन्होंने कुन्द के फूलों पर मँडराने वाली भौंरों की चमक चुरा ली हो। चूडापाशे नवकुरबकं चारु कर्णे शिरीष सीमन्ते च त्वदुपगमजं यत्र नीपं वधूनाम्। उ० मे० 2 वहाँ की वधुएँ अपने जूड़े में नये कुरबक के फूल खोंसती हैं, अपने कानो पर सिरस के फूल रखती हैं और वर्षा में फूल उठने वाले कदंब के फूलों से अपनी माँग सँवारा करती हैं। तं संदेशं जलधरवरो दिव्यवाचाचक्षे प्राणांस्तस्या जनहितरतो रक्षितुं यक्षवध्वाः। उ० मे०60 सबका भला करने वाले उस भले मेघ ने दैवी शब्दों में यक्ष की स्त्री के प्राण
बचाने के लिए सब संदेश सुना डाला। 10. वनिता - [वन् + क्त + यप्] स्त्री, महिला, पत्नी।
त्वामारूढं पवनपदवीमुद्गृहीतालकान्ताः प्रेक्षिष्यन्ते पथिकवनिताः प्रत्यपादाश्वसन्त्यः। पू० मे० 8 जब तुम वायु पर पैर रखकर ऊपर चढ़ोगे, तब परदेसियों की स्त्रियाँ अपने बाल ऊपर उठकर, बड़े भरोसे ढाढस पाकर। हर्येष्वस्याः कुसुमसुरभिष्वध्वश्वेदं नयेथा लक्ष्मी पथ्यल्ललितवनिता पादरागाङ्कितेषु। पू० मे० 36 फूलों के गंध से महकते हुए वहाँ के उन भवनों की सजावट देखकर अपनी थकावट दूर कर लेना, जिनमें सुन्दरियों के चरणों में लगी हुई महावर से लाल-पैरों की छाप बनी हुई होंगी। गत्वाचोर्ध्वं दशमुखभुजोच्छ्वासितप्रस्थसंधेः कैलासस्यत्रिदशवनिता दर्पणस्यातिथिः स्याः। पू० मे0 62 ऊपर उठकर तुम उस कैलास पर्वत पर पहुंच जाओगे जिसकी चोटियों के
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