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मेघदूतम्
अथाह संपति वाले कामी लोग, ऊँचे स्वर में मीठे गलों से कुबेर का यश गान करने वाले किन्नरों के साथ बैठे हुए।
कुसुम 1. कुसुम - [कुष् + उम] फूल।
स प्रत्यग्रैः कुटज कुसुमैः कल्पितार्घाय तस्मै प्रीतः प्रीतिमुख वचनं स्वागतं व्याजहार। पू० मे० 4 उसने झट कुटज के खिले हुए फूल उतारकर पहले तो मेघ की पूजा की और फिर कुशल-मंगल पूछकर उसका स्वागत किया। आशाबन्धः कुसुमसदृशं प्रायशो ह्यङ्गनानां सद्यः पाति प्रणयि हृदयं विप्रयोगे रुणद्धि। पू० मे० १ प्रेमियों का फूल जैसा कोमल हृदय, बस मिलने की आशा पर ही अटका रहा है। इसलिये स्त्रियों के जो हृदय अपने प्रेमियों से बिछुड़ने पर एक क्षण नहीं टिके रह सकते, वे इसी आशा के भरोसे उन स्त्रियों को जीवित रखते हैं। हर्येष्वस्याः कुसुमसुरभिष्वध्वश्वेदं नयेथा लक्ष्मी पश्यल्ललितवनिता पादरागाङ्कितेषु। पू० मे० 36 तुम फूलों के गंध से महकते हुए वहाँ के उन भवनों की सजावट देखकर अपनी थकावट दूर कर लेना , जिनमें सुन्दरियों के चरणों में लगी हुई महावर से लाल-पैरों की छाप बनी हुई होंगी। यस्यां यक्षाः सितमणिमयान्येत्य हर्म्यस्थलानि ज्योतिश्छाया कुसुमरचितान्युत्तमस्त्री सहायाः। उ० मे० 5 वहाँ के यक्ष अपनी अलबेली स्त्रियों को लेकर स्फटिक मणि से बने हुए अपने उन भवनों पर बैठते हैं, जिनकी गच पर पड़ी हुई तारों की छाया ऐसी जान
पड़ती है मानो फूल टैंके हुए हों। 2. पुष्प - [पुष्प् + अच्] फूल, कुसुम।
नीचैराख्यं गिरिमधिवसेस्तत्र विश्रामहेतोः त्वतसंपर्कात्पुलकितमिव प्रौढपुष्पैः कदम्बैः। पू० मे० 27 तुम नीच नाम की पहाड़ी पर थकावट मिटने के लिये उतर जाना। वहाँ पर
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