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कालिदास पर्याय कोश 5. बाला [बाल् + याप्] तरुणी, युवती।
गाढोत्कण्ठां गुरुषु दिवसेष्वषु गच्छत्सु बाला जातां मन्ये शिशिरमथितां पद्मिनी वान्यरूपाम्। उ० मे० 23 विरह के कठोर दिन बड़ी उतावली से बिताते-बिताते उसका रूप भी बदल गया होगा और उसे देखकर तुम्हें यह भ्रम हो सकता है कि यह कोई बाला है या पाले से मारी हुई कोई कमलिनी है। धारासिक्तस्थलसुरभिणस्त्वन्मुपस्यास्य बाले दूरीभूतं प्रतनुमपि मां पञ्चबाणः क्षिणोति। उ० मे० 48 हे बाला ! एक तो मैं यों ही तुम्हारे उस मुख से दूर रहने के कारण सूखा जा रहा हूँ जिसमें से ऐसी सोंधी गंध आती है जैसे पानी पड़ने पर धरती में से आती है, उस पर यह पाँच बाणों वाला कामदेव मुझे और सताए जा रहा है। मानिनी - [मान् + णिनि + ङीष्] आत्माभिमानिनी स्त्री, दृढ़ संकल्प वाली
स्त्री।
विद्युद्गर्भः स्मित नयनां त्वत्सनाथे गवाक्षेः वक्तुं धीरः स्तनितवचनैर्मानिनी प्रक्रमेथाः। उ० मे० 40 आँखें खोलने पर जब वह झरोखे से तुम्हारी ओर एकटक होकर देखे तो तुम अपनी बिजली को छिपा लेना और अपनी धीमी गर्जन के शब्दों में उस मानिनी
से बात-चीत चला देना। 7. युवती - [युवन् + ति, ङीप् वा] तरुणी स्त्री।
धूतोद्यानं कुवलयरजोगन्धिभिर्गन्धवत्यास्तोय क्रीड़ानिरत युवति स्नानतिक्तैर्मरुद्भिः । पू० मे० 37 जल-विहार करने वाली युवतियों के स्नान करने से महकता हुआ और कमल के गंध में बसी हुई गंधवती नदी की ओर से आने वाला पवन, उपवन को बार-बार झुला रहा होगा। श्रोणीभारादलसगमना स्तोकनम्रा स्तनाभ्यां या तत्र स्यायुवतिविषये सृष्टिराद्येव विधातुः। उ० मे० 22 वहाँ जो नितम्बों के बोझ से धीरे-धीरे चलनेवाली और स्तनों के भार से कुछ आगे को झुकी हुई युवती दिखाई दे, वही मेरी पत्नी होगी। उसकी सुन्दरता देखकर यही जान पड़ेगा मानो ब्रह्मा की सबसे बढ़िया कारीगरी वही हो।
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