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कालिदास पर्याय कोश
अपना हाव-भाव कोमल लताओं को और अपनी चंचला चितवन हरिणियों को धरोहर बनाकर दे दी ।
सा संभवद्भिः कुसुमैर्लतेव ज्योतिर्भिरुद्यद्भिरिवत्रियामा। 7/21
जैसे फूल आ जाने पर लताएँ स्वयं भी खिल उठती हैं या जैसे तारे निकलने पर रात जगमगाने लगती हैं।
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2. वल्लरी : - स्त्री० [ वल्ल्+अरि वा ङीप् ] बेल, लता ।
अनपायिनि संश्रय दुमे गजभग्ने पतनाय वल्लरी । 4/31
भला हाथी की टक्कर से वृक्ष के टूट जाने पर उसके सहारे चढ़ी हुई लता क्या कभी बची रह पाती है।
3. वीरुत् : - बेल, लता ।
अपि त्वदावर्जित वारिसंभृतं प्रवालमासामनुबन्धिवीरुधाम् । 5/34 आपके हाथ से सींची हुई उन लताओं में कोमल लाल-लाल पत्तियों वाली, वे कोपलें तो फूट आई होंगी ।
ललाट
1. ललाट :- - [ लड्+अच् डस्य लः, ललमटति अट+अण् वा] ललाट, माथा,
मस्तक ।
तस्य पश्यति ललाट लोचने मोघ यत्नविधुरारहस्यभूत् । 8/7
शिवजी भी ऐसे गुरु थे कि झट अपना ललाट का नेत्र खोल लेते और ये हार मानकर बैठ जातीं।
2. शङ्ख :
[शम्+ ख] मस्तक की हड्डी, मस्तक, ललाट । शंखान्तरद्योति विलोचनं यदन्तर्निविष्टामलपिंगतारम् । 7/33 उनके माथे में पीली पुतली वाला, जो चमकता हुआ नेत्र था ।
विक्रम
1. विक्रम :- [ वि + क्रम्+घञ, अच् वा ] वीरता, शौर्य । युगपद्युगबाहुभ्यः प्राप्तेभ्यः प्राज्य विक्रमः । 2/18
एक साथ मिलकर आए हुए बड़ी-बड़ी बाँहों वाले शक्तिशाली देवताओं ने ।
2. शक्ति :- [ शक् + क्तिन्] बल, योग्यता, ऊर्जा, पराक्रम, सामर्थ्य | संकल्पितार्थे वृितात्मशक्तिमाखण्डलः काममिदं बभाषे । 3/11
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