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कुमारसंभव
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पवन के समान वेग से चलने वाले उस बैल पर चढ़कर और आगे पार्वती जी
को बैठाकर उनके स्तन पकड़ हुए, वे मेरुपर्वत पर जा पहुँचे। 2. सुमेरु :-एक पर्वत का नाम।
उच्चैर्हिरण्यमयं शृंगं सुमेरोर्वितथीकृतम्। 6/72 आपने सुमेरु पर्वत की सुनहरी और ऊंची चोटियों को भी नीचा दिखा दिया।
यामिनी दिवस संधि 1. यामिनी दिवस संधि :-संध्या, शाम, साँझ।
यामिनी दिवस संधि संभवे तेजसि व्यवहिते सुमेरुणा। 8/55 सूर्यास्त हो जाने से रात और दिन का मेल कराने वाली सांझ का सब प्रकाश
सुमेरु पर्वत के बीच में आ जाने से जाता रहा। 2. संध्या :- [सन्धि+यत्+टाप्, सम्+ध्यै+अ+टाप् वा] सांयकाल।
संध्ययाप्यनुगतं रवेर्वपुर्वन्द्यमस्तशिखरे समर्पितम्। 8/44 देखो ! पूजनीय सूर्य अस्ताचल को चले, तो संन्ध्या भी उनके पीछे-पीछे चल
दी।
द्रक्ष्यसि त्वमिति संध्ययानयावर्तिका भिरिव साधुमण्डिताः। 8/45 मानो संध्या ने उन्हें यह समझकर तूलिका से रंग दिया हो, कि तुम उन्हें देखोगी। ब्रह्म गूढमभिसंध्यमादृताः शुद्धये विधिविदो गृणन्त्यमी। 8/47 संध्या समय अर्घ्य देकर बड़ी श्रद्धा के साथ अपनी आत्मशुद्धि के लिए रहस्य भरे गायत्री मन्त्र का जप कर रहे हैं। मुञ्च कोपमनिमित्तकोपने संध्यया प्रणमितोऽस्मिनान्यया। 8/51 बिना बात के क्रोध करने वाली भामिनी ! देखो क्रोध न करो। मैं संध्या करने ही तो गया था।
रक्त
1. रक्त :-[र करणे क्तः] रंगीन, लाल, गहरा लाल रंग, लोहित।
पदं तुषार सुति द्यौतरक्तं यस्मिन्न दृष्ट्वापिहतद्विपानाम्। 1/16 यहाँ के सिंह जब हाथियों को मारकर चले जाते हैं, तब रक्त से लाल उनके
पञ्जों की छाप हिम की धारा से धुल जाती है। 2. शोणित :-[शोण+इतच्] लाल, लोहित, रक्त वर्ण का।
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