Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 09 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रमेयचन्द्रिका टीका श०१० उ०५ सू०२ चमरेन्द्रादीनामप्रमहिषीनिरूपणम् १९१ सेया ३, अंजू ४, अमला ५, अच्छरा ६, नवमिया ७ रोहिणी ८ तद्यथा-पमा१, शिवा २, श्वेता ३, अतः ४, अमला ५ अप्सरा ६, नवमिका ७, रोहिणी ८ च 'तत्थणं एगमेगाए देवीए सेोलस सेोलस देवीसहस्सा परिवारो पण्णत्तो' तत्र खलु अष्टसु अग्रमहिषीषु मध्ये एकैकस्याः देव्याः षोडश षोडश देवीसहस्राणि परिवार: प्रज्ञप्तः, 'पभूणं ताओ एगमेगा देवी अन्नाई सेोलस सेलम देवी सहस्सं परियार विउवित्तए' प्रभुः समर्था खलु ताभ्योऽष्टभ्योऽयमहिषीभ्यः एकैका देवी, अन्यानि षोडश षोडश देवी सहस्राणि परिवार विकुर्वितुम्, 'एवमेव सपुत्वावरेणं अट्ठावीसुत्तरं देवीसयसहस्सं परियारो, सेत्तं तुडिए एवमेवोक्तरीत्या सपूर्वापरेण पौर्वापर्येण अष्टाविंशत्युत्तर देवीशतसहस्रम्-अष्टाविंशतिसहस्राधिकैकलक्षं देवीरूपः परिवारः । तदेतत् त्रुटिकं नाम वर्गः । स्थविराः पृच्छन्ति- 'पभ्रूणं भंते ! सके देविंद देवराया, सोहम्मे कप्पे, सोहम्मवडे सए विमाणे, सभाए सुहरमाए, आठ अग्रमहिषियां कही गई हैं 'तं जहा' जो इस प्रकार से हैं-'पउमा १, सिवा २, सेया ३, अंजू ४, अमला ५, अच्छरा ६, नवमिया ७, रोहिणी ८, पद्मा १, शिवा २, श्वेता ३, अंजु ४, अमला ५, अप्सरा ६, नवमिका ७, और रोहिणी ८ 'तत्थ णं एगमेगाए देवीए मोलस सोलस देवीसहस्सा परिवारो पण्णत्ताओ' इनमें से एक एक देव का देवी परिवार १६-१६हजार को कहा गया है। 'पभूणं ताओ एगमेगादेवी सेालस सोलस देवीसहस्सं परियारं विउवित्तए' इन आठ पट्टरानियों में एक २ पट्टरानी सोलह २ हजार का और दूसरा देवी परिवार निष्पन्न कर सकती है। 'एवामेव सपुत्वावरेणं अट्ठावीसुत्तर देवीसयसहस्सं परियारो, सेत्तं तुडिए' इस प्रकार शक्र का देवी परिवार एक लाख २८ हजार का है। यह इमका त्रुटिक-वर्ग है। अब स्थविर प्रभु से पूछते हैं-'पभूणं भंते! सके देविंदे देवराया, सेाहम्मे कप्पे सोहम्मवडेंसए विमाणे, है या ! देवेन्द्र, हे१२०४ शने 2418 Hश्रमडिपी। 30 छ. " तजहा" तेभनी नाम नीय प्रभा छ-"पउमा, सिवा, सेया, अंजू, अमला, अच्छरा, नवमिया, रोहिणी," (१) ५, (२) शिवा, (3) श्वेता, (४) भभू, (५) सभा , १) मस२१, (७) नमि। मन (८) शही . "तत्थणं एग. मेगाए देवीए सोलस मोलस देवीसहस्सा परिवारो पण्णत्तो" ते प्रत्ये: मय. महिषामा सण से 61२ वीयाना परिवार यो छ. “पणं ताओ एगमेगा देवी अन्नाई सोलस सोलम देवीसहस्स परियार विउव्वित्तए" भने તે પ્રત્યેક પટ્ટરાણી પિતાપિતાની વિકુર્વણ શક્તિ વડે બીજી ૧૬-૧૬ હજાર हवामान निर्माय ४री श छे. “एवामेव सपुव्वावरेणं अट्ठावीसुत्तर देवोसय. सहस्स परियारो, से तं तुडिए" या रीते शहना हवीपरिवार १२८००० ना છે. તેને શકનું ત્રુટિક કહે છે.
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૯