Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 09 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 724
________________ ७१० भगवती सूत्रे बाहिरियं एवं जहा कूणिओ तहेव सव्वं जाव पज्जुवासइ । तणं सा जयंती समणोवासिया इमीसे कहाए लद्वट्टा समाणी तुट्टा जेणेव मियावई देवी तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता मियावइं देविं एवं वयासी एवं जहा नवमसए उसभदत्तो जाव भविस्स । तणं सा मियावई देवी जयंतीए समणोवासियाए जहा देवाणंदा जाव पडिसुणेइ । तरणं सा मियावई देवी, कोडंत्रियपुरिसे सहावेइ, सदावेत्ता, एवं वयासी - खिप्पामेत्र भो देवाणुपिया ! लहुकरणजुत्तजोइयं जाव धम्मियं जाणपवरं जुत्तामेव उवट्टवेह जाव उबटूवेंति, जाव पच्चपिणंति । तणं सा मियावई देवी, जयंतीए समणोवासियाए सद्धिं पहाया कयवलिकम्मा जाव सरीरा बहूहिं खुज्जाहिं जात्र अंतेउराओ निग्गच्छ, निग्गच्छित्ता, जेणेव बाहिरिया उवद्वाणसाला, जेणैव धम्मिए जाणप्यवरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता जाव दुरुढा, तरणं सा मियावई देवी जयंतीए समणोवासियाए सद्धिं धम्मियं जाणप्पवरं दुरूढा समाणी नियगपरियालगा जहा उसभदत्तो जाव धम्मियाओ जाणप्पवराओ पच्चोरुहइ । तएणं सा मियावई देवी, जयंतीए समणोवासियाए - । सद्धिं बहूहिं खुज्जाहिं सड़ि जहा देवाणंदा जाव वंदित्ता, नमंसित्ता उदायणं रायं पुरओ कुठिइ या चेव जाव पज्जुत्रासइ । तएणं समणे भगवं महावीरे उदायणस्स रन्नो मियावईए देवीए जयंतीए समणोवासियाए, तीसे य महतिमहलियाए શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૯

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