Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 09 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
View full book text
________________
भगवती सूत्रे देशकार्थसंग्रहगाथात्रयमाह - 'उवत्राओ' इत्यादि, 'उववाओ' उपपातः - उत्पत्ति द्वारम् १ परिमाणम् - इयत्ताद्वारम् २ अपहारः - अपहरणद्वारम् ३, उच्चत्वम् उचताद्वारम् ४, बन्धः - ज्ञानावरणादिकर्मर्णी बन्धद्वारम् ५ वेदना - वेदनाद्वारम् ६, उदयः- उदयद्वारम् ७ उदीरणा - उदीरणाद्वारम् ८, लेश्या लेश्याद्वारम् ९, दृष्टिःसम्यग् मिथ्या - मिश्र - दृष्टिद्वारम् १० ज्ञानम् - ज्ञानद्वारम् ११, योगः -योगद्वारम् १२ उपयोगः - उपयोगद्वारम् १३ वर्ण:- वर्णादिद्वारम् १४, रसादिः - रसादिद्वारम् १५ उच्छ्वासकः- उच्छ्वासकद्वारम् १६, आहार:- आहारकद्वारम् १७ विरतिःविरतिद्वारम् १८, - क्रिया - क्रियाद्वारम् १९ बन्धकः - बन्धकद्वारम् २०, संज्ञा - संज्ञाद्वारम्, २१, कषायः- कषायद्वारम् २२, स्त्री - स्त्रीवेदादिद्वारम् २३, बन्धःपरिमाण है २' अपहरण द्वार का नाम अपहार है ३, उच्चता द्वार का नाम उच्चस्व है ४ ज्ञानावरणादि कर्मों के बन्ध द्वार का नाम बन्ध है ५, वेदना द्वार का नाम वेदना है ६, उदय द्वार का नाम उदय है ७, उदीरणा द्वार का नाम उदीरणा है ८, लेश्या द्वार का नाम लेश्या है ९, सम्पक मिथ्या और मिश्र दृष्टि द्वार का नाम दृष्टि है १०, ज्ञानद्वार का नाम ज्ञान है ११, योगद्वार का नाम योग है १२, उपयोगद्वार का नाम उपयोग है १३, वर्णादि द्वार का नाम वर्ण है १४, रसादि द्वार का नाम रस है १५, उच्छ्वासक द्वार का नाम उच्छ्वासक है १६, आहारक द्वार का नाम आहार है १७, विरति द्वार का नाम विरति है १८, क्रिया द्वार का नाम क्रिया है १९, बंधद्वार का नाम बंध है का नाम संज्ञा है २१, कषाय द्वार का नाम कषाय है
२०, संज्ञाद्वार
२२, स्त्रीवेदादि
२१४
માણ કહે છે. (૩) અપહરણુદ્ધારને અપહાર કહે છે. (૪) ઉચ્ચતાદ્વારને ઉચ્ચત્વ કહે છે. (૫) જ્ઞાનાવરણીય આદિ કર્મોના અન્યદ્વારને બન્ધ કહે છે, (६) बेहनाद्वास्नु' नाम बेहना छे. (७) उयद्वार नाम उदय छे. (८) धीर|| द्वास्नु नाम हीरा छे, (ङ) बेश्याद्वारतु' नाम बेश्या छे. (१०) सभ्य, મિથ્યા અને મિશ્રષ્ટિ દ્વારનુ નામ દૃષ્ટિ છે. (૧૧) જ્ઞાનદ્વારનું નામ જ્ઞાન छे. (१२) योगद्वारनुं नाम योग छे. (१३) उपयोगद्वार नाम उपयोग छे. (१४) वार्षाहि द्वारतु' नाम वालु छे. (14) रसाहि द्वारनु नाम रस छे. (१९) ઉચ્છ્વાસક દ્વારનું નામ ઉચ્છ્વાસક છે. (૧૭) આહારક દ્વારનું નામ આહાર છે. (१८) वरितिद्वार नाम विरति है. (1) डियाद्वारनुं नाम दिया छे (२०) सुन्धारनु नाम अन्ध छे. (२१) संज्ञाशरनु नाम संज्ञा छे. (२२) मुत्रायद्वारतु' न.भ उषाय छे. (२३) श्री वेाहि वेद्वार नाम श्री छे. (२४)
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૯