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बौद्ध-कालीन भारत जिनके नाम नीचे लिखे जाते हैं(१) अंगा (अंग-राज्य) (९) कुरू (कुरु-राज्य) (२) मगधा (मगध-राज्य) (१०) पंचाला (पंचाल राज्य) (३) काशी (काशी-राज्य) (११) मच्छा (मत्स्य-राज्य) (४) कोसला (कोशल-राज्य) (१२) सूरसेना (शूरसेन-राज्य) (५) वज्जी (वृजियों का राज्य) (१३) अस्सका (अश्मक-राज्य) (६) मल्ला (मल्लों का राज्य) (१४) अवन्ती (अवन्ति-राज्य) (७) चेती (चेदि-राज्य) (१५) गन्धारा (गान्धार-राज्य) (८) वंसा (वत्स-राज्य) (१६) कम्बोजा (कम्बोज-राज्य) । ऊपर जिन राज्यों की सूची दी गई है, उनके संबंध में ध्यान देने लायक पहली बात यह है कि वे देशों के नाम नहीं, बल्कि जातियों के नाम हैं। बाद को इन्हीं जातियों के नाम पर देशों का नाम भी पड़ गया था । दूसरी बात यह है कि इनमें से “वज्जी" और "मल्ला" ये दोनों जाति के नाम नहीं, बल्कि कुल के नाम थे । तीसरी बात यह है कि इनके ऊपर, या इनसे बढ़कर, कोई शक्ति ऐसी न थी जो इन पर अपना आतंक जमा सकती या इन को एक साम्राज्य के अन्दर ला सकती। इनमें से प्रत्येक का वर्णन नीचे दिया जाता है
(१) अंगों का राज्य-अंग-राज्य, मगध-राज्य के बिलकुल बगल में था। दोनों राज्यों के बीच केवल एक नदी का अन्तर था। इस नदी का नाम “चंपा" था । इसी नदी पर चंपा नगरी बसी हुई थी, जो अंग-राज्य की राजधानी थी। प्राचीन चंपा नगरी
वर्तमान भागलपुर के निकट थी। अंग पहले स्वतंत्र राज्य था; Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com