Book Title: Karmagrantha Part 6
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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गुण०
मि० | सा० | मि० | अधि [ देश० | प्रमस अप्रमत्त अपूर्व० | अनि०म० उपशा०] क्षीण सके प्र० के०
८७, ७
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बन्ध उदय सत्ता विकल्प |
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षष्ट कर्मग्रन्थ : गा०६
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८८५/5] ५
मूल प्रकृतियों के गुणस्थानों में पाये जाने वाले वन्ध, उदय, सत्ता संवेध भंगों का ज्ञापक विवरण इस प्रकार है
मंगक्रम
जघन्य
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गुणस्थान
काल
उत्कृष्ट १,२,३,४,५,६,७ । अन्तर्मुहूर्त
अन्तर्मुहूर्त १,२,३,४,५,६,७,८,६/ अन्तर्मुहूर्त
छह माह कम तेतीस सागर अन्त
मुं० न्सून पूर्वकोटि त्रिभाग अधिक दसर्वा एक समय
अन्तर्मुहूर्त ग्यारहवां एक समय
अन्तर्मुहूर्त बारहवां अन्समुहूर्त
अन्तर्मुहूर्त समोगियली अन्तमुहुर्त
नववर्षान पूर्वकोटि | अयोगिकेचली
| पंच ह्रस्व स्वर उच्चारण प्रमाण पंव ह्रस्व स्वर उच्चारण प्रमाण
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