Book Title: Karmagrantha Part 6
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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पिणप्रकृति-सूचक शब्द-कोष
(उ)
उपवासचतुष्क-उच्छवास, आतप, उद्योत, पराघात नाम । उद्योतचतुष्क- उद्योत नाम, नियमति, लियंचायुषी, तेथेचायु । उद्योतनिक-उचोत नाम, आतप नाम, पराघात नाम । उद्योतविक-उयोत नाम, आतप नाम ।
एकेद्रियत्रिक-एकेन्द्रिय जाति, स्थापर नाम, आसप नाम ।
(औ) औवारिकरिक-औदारिक शरीर, औदारिक अंगोपांग नाम । औपारिकसप्तक- औदारिक पारीर, औदारिक अंगोपांग, औदारिक संघात
औदारिक-औदारिक बंधन, औतारिक-तंजस बंधन, औदारिक कार्मण बंधन, औदारिक-तजस-कार्मण बंधन नाम ।
रुपायपंचविशतिः- (कषाय मोहनीय के २५ भेद) अनन्तानुबंधी कोष, मान,
माया, लोम; अप्रत्याख्यानावरण क्रोध, मान, माया, सोम, प्रत्याख्यानावरण क्रोध, मान, माया, लोम; संज्वलन कोष, मान, माया, लोमा हास्य,
रति, अरति, शोक, भय, जुगुप्सा, स्त्रीवेद, पुरुषवेद, नपुंसकवेद । कषामयोजक-अनन्तानुबंधी कोध, मान, माया, लोभ; अप्रत्याख्यानावरण
क्रोष, मान, माया, लोमा प्रत्यास्थानावरण कोष, मान, माया, लोभ
संज्वलन कोष, मान, माया, लोम । केवलनिक-केवलशानावरण, केवलदर्शनावरण ।
खगतितिक-शुभ विहायोगति नाम, अशुभ विहायोगति नाम ।
गप्रतिक-सुरभिगंध नाम, दूरमिगंध नाम । गतित्रिक-गति नाम, आनुपूर्वी नाम, आयुकर्म । गति विक-गति नाम, आनुपूर्वी नामकर्म । गोत्रहिफ-नीच गोत्र, उच्चगोत्र कर्म । शालत्रिक-मतिझान, श्रुतज्ञान, अवधिशाम ।
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