Book Title: Karmagrantha Part 6
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 563
________________ ७k पिण्डप्रकृति-सूचक शब्द-कोष अंषमपंचक --औदारिक शरीर बंधन, पैत्रिय शरीर बंधन, आहारक शरीर बंधन, तमस शरीर बंधन, कामंण शरीर बंधन नाम | पंधकपंचवश - औदारिक-औदारिक बंधन, औदारिक-तंजस बंधन, औदारिका कामेण बंधन, औदारिक-तंजस-कार्मण बंधन, वैक्रिय-क्रिय बंधन, वैकियतैजस बंधन, वैक्रिय-कार्मण बंधन, वैक्रिय-तैजस कार्मण बंधन, आहारआहारक बंधन, आहारक-तंजस बंधन, आहारक-कार्मण बंधन, आहारकतंजस-कार्मण बंधन, तेजस-जस बंधन, संजस-कार्मण बंधन, कार्मणकामंण बंधन नाम । मध्यमसंस्थानचतुष्क- न्यग्रोधपरिमंडल, सादि, वामन, तुम्न संस्थान । मध्यमसंहमनचतुष्क-ऋषमनाराच, नाराच, अर्धनाराघ, कीलिका संह्नन । मनुष्यत्रिक---मनुष्यगति, मनुष्यानुपूर्वी मनुष्यायु । मनुष्यहिक-मनुष्यगति, मनुष्यानुपूर्वी । मिथ्यात्वत्रिक- मिथ्यात्व, सासादन, मिथ दृष्टि । मिथ्यात्वाद्विक-मिथ्यात्व, सासादन ! रसपंचक-तिक्तरस, कट्टरस, कषायरस, अम्लरस, मधुर रस । वर्णचतुष्क नाम (वर्ग)-वर्णनाम, गंधनाम, रसनाम, स्पर्शनाम । वर्णपंचक-कृष्ण वर्ण, नील वर्ण, लोहित वर्ण, हारिद्र वर्ण, श्वेत वर्ण नाम | पर्णादि बीस-पांच वर्ण, पाच रस, दो गंध, आठ स्पर्श नामकर्म । विकसत्रिक-वीन्द्रिय आति, श्रीन्द्रिय जाति, चतुरिन्द्रिय जाति नाम । बिहायोगतिविफ-शुभ विहायोगति, अशुभ विहायोगति नाम । वेवत्रिक-स्त्रीवेद, पुरुषवेद, नपुंसकवेद । वेबनीयतिक-- सातावेदनीय, असातावेदनीय । वैक्रिय-अष्टक --वैफिय शरीर, वकिय अंगोपांग, देवगति, देवानुपूर्वी, देवायु, नरकगति, नरकानुपूर्वी, नरकायु । मैक्रिय-एकादश--देवगति, देवानुपूर्वी, नरकगति, नरकानुपूर्वी, वैकिय शरीर,

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