Book Title: Karmagrantha Part 6
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 561
________________ ७२ तिच त्रिक--तियंच गति, तिथंधानुपूर्वी, तिचा । तिचह्निक-तिधगति, तिचानुपूर्वी । तृतीय कषाय- प्रत्याख्यानावरण क्रोध, मान, माया, लोभ । तेजसकामंासप्तक - तेजस शरीर, कार्मण शरीर, तेजस तेजस बंधन, तैजस कामंण बंधन, कार्मण-कार्मण बंधन, तंजस संघातन, कार्मण संघासन | तेजसचतुष्क- तंजस, कार्मण, अगुरुलघु, निर्माण नाम । असचतुष्क - त्रस, बादर, पर्याप्त, प्रत्येक नाम | जसत्रिक-- त्रस, बादर, पर्याप्त नाम । असदशक- त्रस बाहर यशःकीर्ति नाम ! सविक अस नाम, खादर नाम | प्रसनवक - श्रस, बादर, पर्याप्त, प्रत्येक, स्थिर, शुभ, सुभग, सुस्वर, आदेय नाम । सपटक बस नाम, बादर नाभ, पर्याप्त नाम, प्रत्येक नाम, स्थिर नाम, शुभ नाम । सादि बीस-स, बादर, पर्याप्त, प्रत्येक, स्थिर, शुभ, सुभग, सुस्वर, आदेय, यश: कीर्ति, स्वावर, सूक्ष्म, अपर्याप्त, साधारण, अस्थिर, अनुम, दुभंग, दुःस्वर, अनादेय, अयशः कीर्ति नाम । (द) - — दर्शनखतुष्क क्षुदर्शन, अनशुदर्शन अवधिदर्शन केवलदर्शन । दर्शनत्रिक-चक्षुदर्शन, अचक्षुदर्शन अवधिदर्शन · दर्शन कि-चक्षुदर्शन, अवक्षुदन । बर्शनावरण असुरक... चक्षुदर्शनावरण, अचक्षुदर्शनावरण, अवधिदर्शनावरण, केवलदर्शनावरण | वर्शनावरणवक – चक्षुदर्शनावरण, अचक्षुदर्शनावरण, अवधिदर्शनावरण, केवलदर्शनावरण, निद्रा, प्रचला । वर्शन मोहत्रिक मिध्यास्व, सम्यग्मिथ्यात्व, सम्यक्त्व मोहनीय । दर्शन मोहतक-मिध्यात्व, सम्यग् मिध्यात्व सम्यक्त्व मोहनीय, अनन्तानुबंधी क्रोध, मान, माया, लोभ । दुभंग धतुष्क दुभंग, दुःस्वर, अनावेय, जयशःकीति नाम | . पिण्डप्रकृति-सूचक दाब्द-कोय पत्येक स्थित लुम, सुभग, सुस्वर, आदेय, r !

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