Book Title: Karmagrantha Part 6
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 558
________________ परिशिष्ट-३ निद्रा-निद्रा, प्रचला-प्रचला, त्यानद्धि, उद्योत नाम; तिर्यंचगति, तिर्यंचा नुपूर्वी, तिथंचायु; मनुष्यायु । अलावेयद्रिक -अनादेय नाम, अथशःकीति नाम । अंगोपांगलिक-औदारिक अंगोपांग, वैक्रिय अंगोपांग, आहारक अंगोपांग । अंतरायपंचक--दानान्तराय, लाभान्सराय, मोगान्तराय, उपभोगान्तराय, वीर्यान्तराय। अंतिम संहननत्रिक-अर्धनाराच, कीलिका, सेवात संहनन । अप्रत्याख्यामावरणकषायचतुष्क---अप्रत्याख्यानावरण कोष, मान, माया, लोभ । अपर्याप्तषटक---अपर्याप्त सूक्ष्म एवेन्द्रिय, बादर एकेन्द्रिय, द्वीन्द्रिय, श्रीन्द्रिय, रिद्रय, अरनी पंचेन्द्रिय । अवषिद्विक-अवधिज्ञान, अवधिदर्शन । अस्थिरद्वि फ~-अस्थिर नाम, अशुभ नाम । अस्थिरषटक-अस्थिर नाम, अशुम नाम, दुमंग नाम, दुःस्वर नाम, अनादेय नाम, अयश:कीति नाम । (आ) अकृतिनिक-(१) समचतुरन, न्यग्रोअपरिमण्डल, सादि, वामन, पुज, हुंड संस्थान, (२) वचऋषभनाराच, ऋषमनाशच, नाराच, अर्घनारात, कीलिका, सेवात संहनन, (३) एकेन्द्रिय, द्वीन्द्रिय, श्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय, पंचेन्द्रिय जाति । आसपतिक-आतष नाम, उद्योत नाम । आयुत्रिक-नरकायु, तिर्यंचायु, मनुष्यायु । अबरग-नवक-~-मति, श्रुत, अबषि, मनःपर्याय, केवल ज्ञानावरण; चक्षु, अचक्षु, अबधि, केवल दर्शनावरण । आहारकद्विक्ष-आहारक शरीर गाम, आहारक अंगोपांग नाम । बाहरकसप्तका आहारक पारीर, आहारक अंगोपांग, आहारक संघात, आहा रक-आहारक बंधन, आहारक-तैजस बंधन, आहारका कार्मण बंधन, आहा रक-सैमस-कार्मण बंधन नाम । आहारकपटक-आहारक शरीर, आहारक अंगोपांग, देवायु, नरकति, पर कानुपूर्वी, नरकासु ।

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