Book Title: Karmagrantha Part 6
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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३६४
सप्ततिका प्रकरण
बंधस्थान
मंग
उखमस्थान
मंग
सत्तास्थान
प्रकृतिक
६२, १८, ८६,८०, ७८ ३२, ५८, २, ७८ ६२, दम, ८६, ८०, ७८ ६२, ८८, ८६, ८०, ५८ ६२, ८, ६६, ८०
२४०
प्रकृतिक
| ६२, ८८, ६, ८०, ७८
१२, ८, ८६, ८०,७८ ६२, ८८, ८६,८०, ७० ६२,८८,८६, ८०, ५८ १२,८८,८६, ८०
३०
प्रकृतिका
६२,८८, ८६, ८०, ७६ ६२,८८, ८६, ८०, ५८ ६२, ८८, ८६, ६०, ७%D ६२, ८८, ८६, ७,७७ ६२, ८८, ८६, ८०
विकलेन्द्रिय-विकलेन्द्रियों में २३ का बन्ध करने वाले जीवों में २१ और २६ प्रकृतियों के उदय में पांच-पांच उदयस्थान होते हैं तथा शेष चार उदयस्थानों में से प्रत्येक में ७८ के बिना चार-चार सत्तास्थान होते हैं। इस प्रकार २३ प्रकृतिक बन्धस्थान में २६ सत्तास्थान हुए। इसी प्रकार २५, २६, २६. और ३० प्रकृतिक बन्धस्थानों में भी अपने-अपने उदयस्थानों की अपेक्षा २६-२६ सत्तास्थान होते हैं। इस प्रकार विकलेन्द्रियों में पांच बन्धस्थान में छह उदयस्थानों के कुल मिलाकर १३० सत्तास्थान होते हैं ।