Book Title: Karmagrantha Part 6
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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सप्ततिका प्रकरण
प्रकृतियों का बंध प्रकृतिक, ये दो उदय
इसके संका विचार करते हैं करने वाले सम्यग्मिथ्यादृष्टि के ३० और ३१ स्थान तथा प्रत्येक उदयस्थान में ६२ और सत्तास्थान होते हैं । २६ प्रकृतियों के बंधक के एक २६ प्रकृतिका उदयस्थान तथा ६२ और प्रकृतिक, ये दो सत्तास्थान होते हैं। इस
प्रकृतिक, ये दो-दो
३२६
प्रकार मिश्र गुणस्थान में तीन उदयस्थानों की अपेक्षा छह सत्तास्थान होते हैं ।
मिश्र गुणस्थान के बंध, उदय और सत्ता स्थान के संवेध का विवरण इस प्रकार जानना चाहिये
बंबस्थान
२५ प्रकृतिक
२६ प्रकृतिक
२
मंग
८
15
१६
-
उदयस्थान
२०
३१
२६
३
भंग
२३०४
११५२
st
३४६५
सत्तास्थान
६२.८५
६२,८८
६२,८८
६
(४) अविरत सम्यष्टि गुणस्थान
मिश्र गुणस्थान में बंध आदि स्थानों को बतलाने के बाद अब चौथे अविरत सम्यग्दृष्टि गुणस्थान के बंध आदि स्थानों को बतलातें हैं कि इस गुणस्थान में तीन बंघस्थान, आठ उदयस्थान और चार सत्तास्थान हैं- 'तिगट्ठचच !' वे इस प्रकार जानना चाहिये कि २५, २६