Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 04 Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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चतुर्थ से ग्यारह उद्देशक
सुवर्णकुमार से स्तनितकुमार तक चौथे से लेकर ग्यारहवें उद्देशक की समग्र वक्तव्यता : तृतीय नागकुमारउद्देशकानुसार १८१।
बारहवाँ उद्देशक गति की अपेक्षा से पृथ्वीकायिकों की उत्पत्ति प्ररूपणा १८२, पृथ्वीकायिक में उत्पन्न होने वाले पृथ्वीकायिक सम्बन्धी उत्पत्ति-परिमाणादि वीस द्वारों की प्ररूपणा १८३, पृथ्वीकायिकों में उत्पन्न होने वाले अप्कायिकों में उपपात-परिमाणादि वीस द्वारों की प्ररूपणा १८७, पृथ्वीकायिकों में उत्पन्न होने वाले तेजस्कायिकों में उपपातपरिमाणादि वीस द्वारों की प्ररूपणा १८९, पृथ्वीकायिकों में उत्पन्न होने वाले द्वीन्द्रिय जीवों में उपपात-परिमाणादि वीस द्वारों की प्ररूपणा १९०, पृथ्वीकायिकों में उत्पन्न होने वाले द्वीन्द्रिय जीवों में उपपातादि वीस द्वारों की प्ररूपणा १९१ ।
पृथ्वीकायिक में उत्पन्न होने वाले त्रीन्द्रिय में उपपात-परिमाण आदि वीस द्वारों की प्ररूपणा १९४, पृथ्वीकायिक में उत्पन्न होने वाले चतुरिन्द्रिय जीवों के उपपात-परिमाणादि वीस द्वारों की प्ररूपणा १९५, पंचेन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिक की अपेक्षा पृथ्वीकायिक-उत्पत्ति निरूपण १९६, पृथ्वीकायिक में उत्पन्न होने वाले असंज्ञी पंचेन्द्रिय-तिर्यञ्चयोनिक के उपपात-परिमाणादि वीस द्वारों की प्ररूपणा १९७, पृथ्वीकाय में उत्पन्न होने वाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यञ्चों में उपपात-परिमाणादि वीस द्वारों की प्ररूपणा १९८, पृथ्वीकायिकों में उत्पन्न होने वाले असंज्ञी-संज्ञी संख्येय वर्षायुष्क पर्याप्तक-अपर्याप्तक मनुष्यों में उत्पादादि वीस द्वारों की प्ररूपणा १९९ ।
देवों से आकर पृथ्वीकायिकों में उत्पाद का निरूपण २०२, भवनवासी देवों की अपेक्षा पृथ्वीकायिकों में उत्पत्ति-निरूपण २०२, पृथ्वीकायिकों में उत्पन्न होने वाले असुरकुमार में उत्पाद-परिमाणादि वीस द्वारों की प्ररूपणा २०३, पृथ्वीकायिकों में उत्पन्न होने वाले नागकुमार से लेकर स्तनितकुमार तक के भवनवासी देवों में उत्पत्ति-परिमाणादि वीस द्वारों की प्ररूपणा २०५, पृथ्वीकायिकों में उत्पन्न होने वाले वाणव्यन्तर देवों में उत्पादपरिमाणादि वीस द्वारों की प्ररूपणा २०६, पृथ्वीकायिकों में उत्पन्न होने वाले ज्योतिष्क देवों में उपपातपरिमाणादि वीस द्वारों की प्ररूपणा २०७, वैमानिक देवों की अपेक्षा पृथ्वीकायिक-उत्पत्ति-निरूपण २०८ । तेरहवाँ उद्देशक
तेरहवें उद्देशक के प्रारम्भ में मध्य मंगलाचरण २११, अप्कायिकों में उत्पन्न होने वाले चौवीस दण्डकों में उत्पादि प्ररूपणा २११ चौदहवाँ उद्देशक
तेजस्कायिकों में उत्पन्न होने वाले दण्डकों में बारहवें उद्देशक के अनुसार वक्तव्यता-निर्देश २१३ पन्द्रहवाँ उद्देशक
वायुकायिकों में उत्पन्न होने वाले चौवीस दण्डकों में बारहवें उद्देशकानुसार वक्तव्यता २१४
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