Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 04 Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 889
________________ ७५८] [व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र वेसालिय (लीय) (भ. महावीर) २।१।१३, १४, १५, सीयल (तीर्थंकर शीतलनाथ) २०८७ १६, २० (१), २३; १२।२।४ सौह (भ. महावीर का शिष्य-अनगार) १५/०।११६वेसियायण (तापस) १५/०४९-५४ १२७ सम्मुति (राजा)१५/०।१३२ सुणंद (गृहस्थ) १५/०३३ सयाणीय (राजा, कौशांबीनरेश) १२।२।२,३,४, सुदंसण (श्रेष्ठी—निर्ग्रन्थ) ११।११।२,४-७,९-११, सव्वाणुभूइ(ति)(भ. महावीर का शिष्य-श्रमण) १३,१६ (२),१७,२०,५९,६०,६१; १८/२।३ १५/०७१-७४, १२९, १३२ सुनक्खत्त (भगवान् महावीर का शिष्य) १५/०।७४, ससि (तीर्थंकर-चन्द्रप्रभ भगवान्) २०।८।७ ७५,७६, १३०,१३९ सहस्साणीय (राजा) १२।२।२,३,४ सुपास (तीर्थंकर सुपार्श्वनाथ) २०।८७ संख (श्रमणोपासक) १२।१।३-३१ सुप्पभ (तीर्थंकर पद्मप्रभ) २०१८७ संखवालय (आजीवकोपासक) ८/५/११ सुमति (तीर्थंकर) २०।८७ संति (तीर्थंकर शांतिनाथ) २०।८७ सुमंगल (निर्ग्रन्थ) १५/०।१३२, १३३, १३४, १३५ संभव (तीर्थंकर) २०१८७ सुहत्थि (अन्ययूथिक मुनि) ७।१०।२ संविह (आजीवकोपासक) ८।५।११ सुरियकंत (राजपुत्र) ११।९।५ सामहत्थि (भ. महावीर का शिष्य-निर्ग्रन्थ) सेजंस (तीर्थंकर श्रेयांसनाथ) २०६८।७ १०/४।३-५ सेयणय (हाथी) १५/०८८ सामि (तीर्थंकर महावीर) २।१।२, ५।१।२, ९।१।२, सेलवालय (अन्ययूथिक मुनि) ७।१०।२ ९।३२।१, ९।३३।४, १०।४।१, ११।९।१९, सेलोदाइ (अन्ययूथिक मुनि) ७।१०।२, १८।७।२५ ११।११।३, ११।१२।२०, १२।१।६, १२।२।५, सेवालोदाइ (अन्ययूथिक मुनि) ७।१०।२ १५/०।११, १६।५।२, १८।२।१ सोण (पार्श्वपत्यीय भिक्षु) १५/०।६, ५८ सिव (हस्तिनापुरनरेश—राजर्षि) ११।९।३, ४,५,६, सोमिल (ब्राह्मण) १८।१०।१५, १७-१९, २२, २३, ७,९,११-१८, २०-२१, २७-३२; ११।११।४४, २४, (२), २५ (२), २६ (२), २७ (२), ११।१२।१७, २४; १५/०५९ २८, २९ सिवभद (शिव राजा (राजर्षि) का पुत्र-राजा) राजाप) का पुत्र राजा) हालाहला (कुम्भकारी) १५/०।४, ६१,६२, ६३,६४, ११।९।५, ७, ९, १०, ११, ११।११।५७, ६६,६८,८६, ८८,९६, ९८, १०१, ११० १३।६।१४, २५ 9/112

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