Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 04 Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 893
________________ ७६२] [व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र वियडावइ (पर्वत) ९।३१।३० सावत्थी (नगरी) २।१।१२, १७,१८ (३), २३, विसाहा (नगरी) १८।२।१ ९।३३।८८,९८; १२।१।२,५,९,१२, १३, १४, विंझ (पर्वत) ३।२।१९, १४।८।१९ (१), १५/०।१३२, १८, २०; १५/०।१, २, ३, ९, १०, ६०, ६६, १३८ ६८, ८१, ८६, ९६, ९८, १०१, १०८, १०९, वीतीभय (नगर) १३।६।९-१३, १६, १८, १९, २१, २३, २४, ३२ सिद्धत्थगाम (ग्राम) १५/०।४६, ५५ वेभार (पर्वत) २।५।२७ सिन्धु (नदी) ७६।३१,३४ वेभेल (सन्निवेश) १०।४।८ सिन्धुसोवीर (जनपद) १३।६।९,१६,१९, २५ वेयड्ढ (पर्वत) ७६।३१,३३ सुद्धदंतदीव (द्वीप) ९।३।२,१०|३४|१ वेसाली (नगरी) ९।९।२० (२) सुभूमिभाग (उद्यान) १५/०।१३२ सत (य) दु (दु) वार (नगर) १५/०।१३२ सुंसुमारपुर (नगर) ३।२।२२, २८ , सदावइ (पर्वत) ९।३१।३० सोमणस (वन) ९।३१।३० सयंभुरमण (समुद्र) ६।८।३५, ११।९।२१, २५, हत्थिणापुर (नगर) ११।९।१-३, ६, ९, १७, १८, ११।१०।५, १२।५।१८ २१, २७, ३०; ११।११।२०, २१, ३०, ३१, ४०; सरवण (सन्निवेश) १५/०।१५, १६, १७ १६/५/१६, १८।२।३ । सहसं(स्स)बवण (उद्यान) ११।९।२,३०, १६।५।१६, हरिवास (क्षेत्र) ६७७, २०।८।२ १८।२।३ हेमवत (क्षेत्र) ६७७, २०१८।२ संखवण (चैत्य) ११।१२।१, १६ हेरण्णवय (क्षेत्र) २०६८।२ साणकोट्ठय (चैत्य) १५/०।११२, ११४, ११९, १२०, *** १२२

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