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[व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र वेसालिय (लीय) (भ. महावीर) २।१।१३, १४, १५, सीयल (तीर्थंकर शीतलनाथ) २०८७ १६, २० (१), २३; १२।२।४
सौह (भ. महावीर का शिष्य-अनगार) १५/०।११६वेसियायण (तापस) १५/०४९-५४
१२७ सम्मुति (राजा)१५/०।१३२
सुणंद (गृहस्थ) १५/०३३ सयाणीय (राजा, कौशांबीनरेश) १२।२।२,३,४, सुदंसण (श्रेष्ठी—निर्ग्रन्थ) ११।११।२,४-७,९-११, सव्वाणुभूइ(ति)(भ. महावीर का शिष्य-श्रमण) १३,१६ (२),१७,२०,५९,६०,६१; १८/२।३ १५/०७१-७४, १२९, १३२
सुनक्खत्त (भगवान् महावीर का शिष्य) १५/०।७४, ससि (तीर्थंकर-चन्द्रप्रभ भगवान्) २०।८।७
७५,७६, १३०,१३९ सहस्साणीय (राजा) १२।२।२,३,४
सुपास (तीर्थंकर सुपार्श्वनाथ) २०।८७ संख (श्रमणोपासक) १२।१।३-३१
सुप्पभ (तीर्थंकर पद्मप्रभ) २०१८७ संखवालय (आजीवकोपासक) ८/५/११
सुमति (तीर्थंकर) २०।८७ संति (तीर्थंकर शांतिनाथ) २०।८७
सुमंगल (निर्ग्रन्थ) १५/०।१३२, १३३, १३४, १३५ संभव (तीर्थंकर) २०१८७
सुहत्थि (अन्ययूथिक मुनि) ७।१०।२ संविह (आजीवकोपासक) ८।५।११
सुरियकंत (राजपुत्र) ११।९।५ सामहत्थि (भ. महावीर का शिष्य-निर्ग्रन्थ) सेजंस (तीर्थंकर श्रेयांसनाथ) २०६८।७ १०/४।३-५
सेयणय (हाथी) १५/०८८ सामि (तीर्थंकर महावीर) २।१।२, ५।१।२, ९।१।२, सेलवालय (अन्ययूथिक मुनि) ७।१०।२
९।३२।१, ९।३३।४, १०।४।१, ११।९।१९, सेलोदाइ (अन्ययूथिक मुनि) ७।१०।२, १८।७।२५ ११।११।३, ११।१२।२०, १२।१।६, १२।२।५, सेवालोदाइ (अन्ययूथिक मुनि) ७।१०।२ १५/०।११, १६।५।२, १८।२।१
सोण (पार्श्वपत्यीय भिक्षु) १५/०।६, ५८ सिव (हस्तिनापुरनरेश—राजर्षि) ११।९।३, ४,५,६,
सोमिल (ब्राह्मण) १८।१०।१५, १७-१९, २२, २३, ७,९,११-१८, २०-२१, २७-३२; ११।११।४४,
२४, (२), २५ (२), २६ (२), २७ (२), ११।१२।१७, २४; १५/०५९
२८, २९ सिवभद (शिव राजा (राजर्षि) का पुत्र-राजा)
राजाप) का पुत्र राजा) हालाहला (कुम्भकारी) १५/०।४, ६१,६२, ६३,६४, ११।९।५, ७, ९, १०, ११, ११।११।५७, ६६,६८,८६, ८८,९६, ९८, १०१, ११० १३।६।१४, २५
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