Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 04 Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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[व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र ... [३] शेष सब कथन पूर्ववत् यावत् वैमानिक दण्डक-पर्यन्त जानना चाहिए किन्तु सभी का उपपात प्रज्ञापनासूत्र के छठे व्युत्क्रान्तिपद के अनुसार समझना चाहिए।
'हे भगवन् ! यह इसी प्रकार है, भगवन् ! यह इसी प्रकार है', यों कह कर गौतमस्वामी यावत् विचरते
विवेचन राशियुग्म-त्र्योजराशिविशिष्ट जीवों की उत्पत्ति आदि सम्बन्धी प्रस्तुत ३ सूत्रों में राशियुग्म-त्र्योजराशियुक्त जीवों के उपपात आदि के सम्बन्ध में विभिन्न पहलुओं से पूर्व उद्देशक के अतिदेशपूर्वक कथन किया गया है। ॥ इकतालीसवां शतक : द्वितीय उद्देशक समाप्त॥
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