Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 04 Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 886
________________ परिशिष्ट - १ व्यक्तिनामानुक्रमणिका [सूचना —पहला अंक शतक का सूचक हैं, दूसरा उद्देशक का और तीसरा सूत्रसंख्या का उदाहरणत: अग्निभूति (अग्निभूति गणधर ) तीसरा शतक, प्रथम उद्देशक और सूत्र संख्या ३। जहाँ उद्देशक नहीं है, वहाँ शून्य दिया गया है । ] अग्गिभूति ( गणधर ) ३|१|३, ३|१|८, ३|१|९, अर (तीर्थंकर) २०१८/७ अवविह (आजीवकोपासक ) ८।५।११ ३|१|१०, ३।१।१३, ३ १ १४, ३|१|१५ अग्निवेसायण (पार्श्वस्थ भिक्षु) १५/०/६ अच्छिद (पार्श्वस्थ भिक्षु ) १५/०/६ आणंद (भगवान् महावीर के शिष्य — स्थविर ) १५/०६२ १५/०/६५, १५/०६६, १५/०/६७ आणंदरक्खिय (पार्श्वनाथ भगवान् के स्थविर) २/५/१७ अजिय (तीर्थंकर) २०१८/७ अज्जचंदणा (भ. महावीर की शिष्या — श्रमणी ) इसिभद्दपुत्र ( श्रमणोपासक) ११/१२/७ - १४, १२/१/३१ ९|३३|१८, ९|३३|१९, ९।३३।२० इंदभूति ( गौतम गणधर ) १/१/३ २/५/२१, ५१३, ५/४/१९, ७ १०५, १०१४१२, १५/०/१२, १८| ८|७ अज्जुण (पार्श्वस्थ भिक्षु) १५/०/६ अज्जुण (गोशालक द्वारा कल्पित व्यक्ति विशेष ) १०१०१६८ अनंत (तीर्थंकर) २०१८/७ अणंतइ (तीर्थंकर) २०|०|६८ [ ७५५ अणुवालय (आजीवकोपासक ) ८/५/११ अतिमुत्त (भगवान् महावीर के शिष्य —— श्रमण ) ५/४/१ अन्नवालय (अन्ययूथिक मुनि) ७/१०/२ अभिनन्दण (तीर्थंकर) २०१८/७ अभीय (कुमार) (राजपुत्र) १३ | ६ |१४, १३ । ६ २२, १३/६/२४, १३/६/३२ अम्मड (परिव्राजक) ११/११/५८, १४/८/२१, १४८२२ अयंपुवुल (आजीवकोपासक ) ८/५/११, १५/०/९६, १५/०/९७, १५० ९८, १५/०/९९, १५/०/१००, १५/०/१०१, १५/०/१०२, १५/०/१०५, १५/०/१०६, १५/०/१०७ उदय (आजीवकोपासक ) ८/५/११ उदय (अन्ययूथिक मुनि) ७/१०/२ उदयण (कौशांबी का राजा) १२/२/२-५, १२/२/६, १२/२/१२ उदाइ (हाथी का नाम) ७ ९ ६, ७, ८ उदाई (गोशालक का परिवर्तित—कल्पित नाम) १५/०/६८ उदायण (वीतिभयनगर का राजा ) १३/६/९-३३, १६/५/१६ उप्पला ( श्रमणोपासिका) १२/१/४, १२|१|१२, १२/१/१५ उव्विह (आजीवकोपासक ) ८|५|११ उसभ (तीर्थंकर) २०१८ ७, २०१८ १३, उसभदत्त ( ब्राह्मण ) ९।३३।२-१७, ९।३३।८२, ११/९/३२, १२/२/७ कणंद (पार्श्वस्थ भिक्षु) १५/०/६

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