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२२ श्री नेमिनाथ-चरित
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वसुदेव थे। श्रीकृष्ण और अरिष्टनेमि चचेरे भाई थे। श्रीकृष्ण बड़े थे और अरिष्टनेमि छोटे । श्रीकृष्णकी एक बहुत बड़ी व्यायामशाला थी। उसमें खास खास व्यक्तियाँ ही जा सकती थीं। उसमें रखे हुए आयुधोंका उपयोग करना हरेकके लिए सरल नहीं था । उसमें एक शंख रक्खा हुआ था। वह इतना भारी था कि अच्छे अच्छे योद्धा भी उसे उठा नहीं सकते थे, बजानेकी तो बात ही क्या थी ? ___ एक दिन अरिष्टनेमि फिरते हुए कृष्णकी आयुधशालामें पहुँच गये। उन्होंने इतना बड़ा शंख देखा और कुतूहलके साथ सवाल किया:-"यह क्या है ? और यहाँ क्यों रक्खा गया है ?"
नौकरने जवाब दिया:-"यह शंख है। पांचजन्य इसका नाम है । यह इतना भारी है कि श्रीकृष्णके सिवा कोई इसे उठा नहीं सकता है ।"अरिष्टनेमि हँसे और शंख उठाकर बजाने लगे। शंखध्वनि सुनकर शहर काँप उठा । श्रीकृष्ण विचारने लगे, ऐसी शंखध्वनि करनेवाला आज कौन आया है ? इन्द्र है या चक्रवर्तीने जन्म लिया है ? उसी समय उनको खबर मिली कि, यह काम अरिष्टनेमिका है। उन्हें विश्वास न हुआ। वे खुद गये । देखा कि अरिष्टनेमि इस तरह शंख बजा रहे हैं मानो कोई बच्चा खिलौनेसे खेल रहा है। ____ कृष्णको शंका हुई, कि क्या आज सबसे बलशाली होनेका मेरा दावा यह लड़का खारिज कर देगा ? उन्होंने इसका फैसला कर लेना ठीक समझकर अरिष्टनेमिसे कहा:-"भाई! आओ!
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