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श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन
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प्रदर्शिनी । खिलाफत कमेटीसे इनको एक गोल्ड मेडल भी मिला था । इन्होंने उस मौके पर एक गोलमेज बनाई थी । उसमें कांग्रेसका इतिहास था ।
इनके विचार स्वतंत्र हैं । अन्तर्जातीय खानपान और विवाहके पुरस्कर्ता और विधवाविवाहके हिमायती हैं। लग्न - त्याग भी ठीक समझते हैं। हिन्दुमुस्लिम एकतामें देशका उद्धार समझते हैं ।
देशके लिए ये जेल भी जा चुके हैं ।
श्रीयुत मोहनलाल भगवानदास जौहरी
सॉलिसिटर
श्रीयुत मोहनलालजी के पिताका नाम भगवानदासजी था, और वे जवाहरातका धंधा करते थे ।
ये जातिसे दसाश्रीमाली और धर्मेंस श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन हैं। ये मूल सूरतके रहनेवाले हैं और अब बंबई में रहते हैं ।
ये बी. ए. में सम्मानपूर्वक उत्तीर्ण हुए थे। B.A. ( Hounours ) और फिर LL. B. पास करके सॉलि मिटर बने ।
इनका ब्याह इनकी १९ बरसकी आयुमें श्रीमती कलावती
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