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श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन
था। इन्होंने मेट्रिक तक अभ्यास किया। इनके दो पुत्र और एक कन्या हैं। पुत्र मुरारजी व अमृतलाल और कन्या मान बाई। इनमेंसे मुरारजीको इनके छोटेभाई कुंवरजीके गोद रक्खा है। नानजीभाई (१) कच्छी वीसा ओसवाल जैन देहरावासी पाठशालाकी मेनेजिंग कमेटी के और (२) पूाबाई कन्याशालाकी मेनेजिंग कमेटीके मेम्बर हैं।
ये कच्छकांठीके बावन गाँवकी कच्छी वीसा ओसवाल जाति पंचायत ( नात ) के उपप्रमुख हैं। ___ ये कच्छी वीसा ओसवाल जैन बोर्डिंग माटुंगाके ट्रस्टी और प्रमुख हैं। पहले सेक्रेटरी थे।
४ कुंवरजीभाई ये भी मेट्रिक तक पढ़े हुए थे। इनका ब्याह श्रीमती राजबाईके साथ हुआ था।
१८ बरस की उम्र में ये निःसन्तान मरे । इनकी पत्नीने नाननीमाईके पुत्र मुरारजीको गोद रक्खा ।
इनके अलावा हीरजी सेठ अपने माईके लड़के वसनीको भी अपना ही पुत्र मानते थे। वे अक्सर कहा करते थे कि मेरे पाँच पुत्र हैं । वसनजी भी मेग ही लड़का है। ___ हीरजी सेठने अपने लड़कोंकी शादियोंमें (लमोंमें) डेढ लाखके करीब रुपये खर्च किये थे।
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