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श्वेतांबर स्थानकवासी जैन
१९३१ में कच्छी वीसा ओसवाल स्थानकवासी जैन संघ स्थापित हो गया। सं० १९४७ में खेतसी सेठका देहान्त हुआ। इनके पुत्र देवजी थे।
२ सेठ देवजी-इनका जन्म सं० १९२२ में गाव बाराई (कच्छ) में हमा था। इन्होंने चौदह बरसकी उम्रतक स्कूल में शिक्षण लिया था। फिर धूलिया (खानदेश) काम सीखने के लिए भेजे गये; परन्तु अनुकूलता न आनेसे वापिस बंबई में आ गये और अपने पिताके साथ ही काम करने लगे।
इनके पिताके देहान्त होज़ाने के बाद सं० १९५५ में इन्होंने चावलकी वखार शुरू की। उसमें अच्छी कमाई होनेसे
और भी दुकानें प्रारंभ की । उनकी शुरू की हुई नीचे लिखी दुकानें अभी काम कर रही हैं।
१-नंबईमें-देवनी खेतसी एण्ड कंपनी। २-रंगून ( बर्मा ) में, गाँगनी प्रेमजी एण्ड कंपनी ३-मोलमिन (बर्मा) में, " " . " ४-बसिन (बर्मा) में, " " " , ५-ग्रम (बर्मा) में, " " , " ६-कोलंबो (सीलोन) में " " " "
ये सब कंपनियाँ मुख्यतया चावलका व्यापार करती हैं। लगभग साठ लाख रुपये सालानाका इनपर रोजगार होता है।
देवनी सेठके दो ब्याह हुए थे। पहला ब्याह श्रीमती
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