Book Title: Jain Ratna Khand 01 ya Choubis Tirthankar Charitra
Author(s): Krushnalal Varma
Publisher: Granth Bhandar

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Page 856
________________ स्थानकवासी जैनसद्गृहस्थ १५००) कच्छी वीसा ओसवाल देहरावासी जैन पाठशाला बंबईको । इसके ब्याजसे केशवनी कुंवरजीके नाम से एक चाँद शालाके उस लड़केको दिया जाता है, जिसका स्वभाव और चरित्र सबसे अच्छा समझा जाता है। १०५००) कच्छी वीसा ओसवाल जैन बोर्डिंग माटुंगा बंबईको। १२५०००) कच्छी वीसा ओसवाल जैन बोर्डिंग माटुंगा बंबईको इस शर्त पर कि इसका नाम बदलकर नीचे लिखा नाम बोर्डिंग हाउसका कर दिया जाय । "शा. हीरजी भोजराज एन्ड सन्स कच्छी वीसा ओसवाल जैन बोर्डिंग माहुँगा (बंबई). ५१००) लालबाग (बंबई ) के जैन मंदिरमें । ६०००) वीसा ओसवाल दुष्काल फंडमें । इस तरह बड़ी बड़ी रकमोंमें एक लाख अडतालीस हजार पाँच सौ रुपयेका दान दिया है। इनके सिवाय छोटी छोटी रको जुदा जुदा संस्थाओंमें या अन्य स्थानोंमें दी जाती हैं। उनकी जोड प्रतिवर्ष पाँच हजार जितनी होती है। ऐसे करीब तीस हजारसे ऊपर रकम दे चुके हैं । नाननीमाई बड़े विचारक और धर्म सहिष्णु पुरुष हैं। 2 Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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