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जैनरत्न ( उत्तरार्द्ध )
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और प्रायः सारे हिन्दुस्थानमॅसे अनेक बड़े व्यापारीयोंकी आदत इस पेढीने प्राप्त की है। इस समय इनकी दो पेढियाँ चल रही हैं।
१बंबई में-मूलचंद सोभागमलके नामसे है। यह पेढी खास करके सोना, चाँदी, कपड़ा, हुंडी और रूईकी आढतका धंधा करती है । करीव पचास लाखका सालाना बिजनेस करती हैं।
२ कारंजा(वराड़)म रामचंद चाँदनमलके नामसे है । इस पेढीपर खाम तरहसे कपड़े और साहूकारीका कारोबार होता है। यह पेढ़ी सालाना करीब पाँच लाखका बिजनेस करती है।
तीनों भाई भद्र परिणामी, न्यायप्रिय और धर्मात्मा हैं। सादा और सरल जीवन बिताते हैं। इन्होंने अपने पिताजीके देहांत बाद एक लाखके ऊपर जायदाद बनवाई है और लड़के लडकियोंकी शादियोंमें करीब चालीस हजार खर्च किये हैं।
------ सरदारमल पाबूदान
श्रीमान् सेठ चांदनमलजीके बड़े भाई सेठ सरदारमलजी कारजेसे जाने वाद उनके बड़े पुत्र श्रीयुत पाबूदाननीने अपने साले श्रीयुत पदमचंद्रनो कोचरकी सहायतासे अहमदाबादमें एक
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