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श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन
इन्होंने यशोविजय जैनपाठशाला बनारसमें अध्ययन किया है । प्राकृत, संस्कृत और हिन्दी भाषाओंके अच्छे जानकार हैं
और गणित एवं ज्योतिष शास्त्रके विशेषज्ञ हैं। इन्होंने ' मेघमहोयद वर्ष प्रबोध' और 'गणितसार' नामक ग्रंथोंका हिन्दीमें अनुवाद किया है। गणितसार प्रसिद्ध गणितशास्त्रके ग्रंथ 'लीलावती' की जोड़का है। ऐसे ग्रंथको समझना और उसको अपनी भाषामें लिखना कितना कठिन कार्य है ? मगर जो इस कठिन कार्यको कर सके वह कितने विद्वान हैं यह बात सहज ही मसझमें आ सकती है । इन ग्रंथोंको प्रकाशमें लाकर पंडित भगवानदासजीने जैनसाहित्य और जैनधर्मकी बड़ी सेवा की है। इनके अलावा आप 'भुवनदीपक ' 'वास्तुसार' ( शिल्पशास्त्र )
और ' त्रैलोक्य प्रकाश ' नामके ग्रंथ तैयार कर रहे हैं आशा है आप जैनधर्म, जैनसमाज और जैनसाहित्यकी इसी तरह सेवा करते रहेंगे।
सेठ कुंदनमलजी कोठारी
इनके पिताका नाम फूलमलजी था । ये ओसवाल श्वेतांबर जैन हैं । इनका गोत्र रणधीरोत कोठारी है । इनके यहाँ जमींदारी है और ये साहूकारीका धंधा करते हैं ।
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