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१२२ जैनरत्न ( उत्तरार्द्ध ) अठारह हजार कपडे जमा हुए । भारतके प्रसिद्ध २ नेताओंमे-- जो वंबई में आये-मांडवी पर लाकर व्याख्यान कराये थे ।
सं० १९१२ में इन्होंने एक युनिअन सोसायटी कायम की । उसने दो संस्थाएँ आरंभ की उनके नाम हैं
१ युनिअन सोसायटी फ्री रीडिंग रूम एण्ड लायब्रेरी. २ युनिअन सोसायी सहायक फंड ।
मिसिज एनिविसेंट जब सन् १९१७ में छूटीं तब इस युनिअनने उनके स्वागतके लिए सभा बुलाई । उसमें करीब ६० हनार आदमी थे।
बंबई में सन् २९ में हिंदु मुसलमानोंका दंगा हुआ था तब कोपोरेशनने जो पीस कमेटी कायम की उसकी पब्लिसिटि कमेटीक ये सेक्रेटरी हुए थे। ___वंबईकी नेशनल वालंटिअर कोर, जो सं० १९२३ में कायम हुई थी उसके ये प्रमुख थे। दिल्ली कांग्रेसमें इस कोरन बहत काम किया । कोकीनाडा कांग्रेसमें असिस्टेंट केप्टेनकी हैसियतसे काम किया था। उस समयके प्रमुख कोंडा कटप्पैयाने और मि. साम्बुमूर्तिने प्रशंसापत्र दिये और उसमें लिखाकि अगर मि. महेशरी न होते तो कांग्रेसमें व्यवस्थाका इतना अच्छा काम हो सकता था या नहीं इसमें शक हैं।
दो प्रदर्शिनियोंके ये सेक्रेटरी रहे । एक मांडवी कांग्रेस कर्भाटी स्वदेशी प्रदर्शिनी और दूसरी खिलाफत कमिटी स्वदेशी Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com