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श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन wwwxxxmmmmmmmm
इनके छोटे भाईका नाम कुँवरजी था । वे बड़े ही उद्योगी थे । वे अपनी १४ बरसकी उम्रमें ही धंधेमें लग गये थे और तबसे ३८ बरसके होकर गतदेह हुए तबतक वे ही अपने कुटुंबका पालन करते थे।
शिवजीभाई अच्छे लेखक हैं और इनकी अबतक नीचे लिखी पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं।
१ धर्म रत्न प्रकरण ३ भाग, २ उपदेशरत्नाकर, ३ उपदेश पद, ४ अध्यात्मसार, ५ धर्मवीर जयानंद २ भाग, ६ जैन सतीमंडल २ भाग, ७ श्राविकाभूषण ४ भाग, ८ शासनदेवीनो प्रवास, ९ दीक्षाकुमारी २ भाग, १० तत्त्वभूमिमें प्रवास, ११ जैन शशिकांत, १२ शिवविनोद ५ भाग, १३ शिवबोध २ भाग, १४ शिवप्रबोध २ भाग, १५ शिवविलास, १६ रागबोध, १७ विद्याचंद्र सुमति.
व्याकरणतीर्थ, और न्यायतीर्थ पं० बेचरदासजी दोशी
इनके पिताका नाम जीवराजजी था। ये जातिके बीसा श्रीमाली और सव्वाणी गोत्रके हैं । ये श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन और रियासत वला ( काठियावाड़ ) के निवासी हैं ।
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