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जैनरत्न ( उत्तरार्द्ध )
स्नेह था | अनेक विद्वानोंको समय समयपर वे सहायता दिया करते थे । ' मांडारकर रिसर्च इन्स्टिटयूट पूना को उन्होंने २५०००) रुपये की रकम दानमें दी थी ।
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वे ' श्वेतांबर जैन कॉन्फरेंस' के मंत्री रहे, फ्रीमेशन की ओरियंटल बके, और रोयल एशियाटिक सोसायटि वगैरा के वे मेम्बर थे । क्रिकेटके शौकीन होनेसे वे हिन्दु जीमखानेके पेटून बने थे । कच्छी दसा ओसवाल जैन बोर्डिगके वे ट्रस्टी थे । ता. १६-७-१९२० के दिन पेरिसमें इनका देहांत हो
गया ।
सेठ हेमराज खीयसिंह
मं० १९१७ में इनका जन्म हुआ था। इनका धंधा हीरजी खेतसिंहकी कंपनी में ही था । इन्होंने अपनी प्राइवेट संपत्तिमे से नीचे लिखा दान दिया है।
२५०००) निराश्रित फंडमें ।
५०००) पालीताना जलप्रलय के समय ।
१०००००) सं० १९८० में कच्छके दुष्काळके वक्त गरीबों और मूक पशुओं की सहायता में ।
इसके अलावा खेत सिंह सेठने जो दान किया है उसमें १९८० में ६३ बरसकी आयुमें
इनका भाग था ही । सं० उनका देहांत हो गया ।
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