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सा. हीरजी कानजी मणसी
कच्छ नलियाके रहनेवाले कच्छी दसा ओसवाल श्वेतांबर जैन सा. मणसी मरजीने कच्छी दसा ओसवालोंमें, बंबईमें, सबसे पहले वीमाका धंधा शुरू किया। उनके काननी नामका एक माग्यवान लड़का हुआ। उसने पीछेसे कानजी मणसीके नामसे धंधा चालू रक्खा । .... ___कानजीके दो लड़के हुए। एकका नाम हीरजी और दूसरेका नाम वेलजी । हीरजीका जन्म कच्छ नलियामें सं० १९३२ के कार्तिक वदि ६ गुरुवारको हुआ था। सं० १९५४ के महा मुदि ५ के दिन कच्छ नलियाके सा. जवेर करमतीकी सुपुत्री बाई हीरबाई के साथ लग्न हुए। इनके तीन लड़के और तीन
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