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२४ श्री महावीर स्वामी-चरित
अपने भोगावली कर्मोंका उपभोग किये बिना छुटकारान था इसलिए उन्होंने ब्याह किया था ।
यशोदादेवीकी कोखसे प्रियदर्शना नामकी एक कन्या हुई थी । उसका ब्याह जमाली नामक राजपुत्रके साथ हुआ था। जमाली महावीर स्वामीकी बहिन सुदर्शनाका पुत्र था। जब वर्द्धमान स्वामीकी आयु २८ बरसकी हुई तब उनके
मातापिताके जीव मरकर अच्युत देवलोदीक्षा कमें गये । - महावीर स्वामीके बड़े भाई
नांदवर्द्धन राज्य-गद्दी पर बैठे। कुछ दिनोंके बाद महावीर स्वामीने अपने बड़े भाई नंदिवर्द्धनसे दीक्षा लेनेकी आज्ञा माँगी । भाईने दुःखसे कहाः"बंध ! अभी मातापिताके वियोगका दःख भी नहीं मिटा है, फिर तुम वियोग-दुःख देनेकी बात क्यों करते हो ?"
प्रभुने ज्येष्ठ बंधुकी बात मानकर और थोड़े दिन घरपर ही रहना स्थिर किया । घरपर वे भावयति होकर संयमसे समय बिताने लगे। __ एक बरसके बाद लोकांतिक देवोंकी प्रार्थनासे वर्षी दान देकर महावीर स्वामीने दीक्षा लेनेकी तैयारी की । नंदिवर्द्धनने ५० धनुष लंबी, ३६ धनुष ऊँची आरै २५ धनुष चौड़ी चंद्रप्रभा नामकी एक पालखी तैयार कराई । प्रभु उसमें ___x सिद्धार्थकी आयु ८७ और त्रिशलादेवीकी ८५, नंदीवर्द्धनकी ९८, यशोदा देवीकी ९०, सुदर्शनाकी ८५ प्रियदर्शनाकी ८५, वर्षकी थी। (म० च० पृ० २०८.)
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