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जैनरत्न ( उत्तरार्द्ध) लड़की वेलबाई और लड़का शिवजी । तीसरा ब्याह श्रीमती पानबाईके साथ हुआ । उनसे तीन लड़कियाँ, खेतबाई, संतोकबाई और प्रमावतीबाई और एक पुत्र रतनसी ।
४ मेघजीभाई ये सोनपाल सेठके चौथे पुत्र हैं । इनका जन्म सं० १९४५ में हुआ था। इनके लग्न श्रीमती हिमईबाईके साथ हुए । इनसे दो लड़कियाँ मोंघीबाई और चंचलबाई, दो लड़के देवसी व आनंदनी हैं।
५ हीरबाई ये सोजपाल सेठकी पुत्री हैं। इनका ब्याह कृपाल पुन्सीके साथ हुआ है। इनके तीन लड़के माणिक, जेठा और डुंगरसी
और एक लड़की वेलबाई हैं। इनके पति कृपाल पुन्सीके नामसे कच्छ लायजामें एक पाठशाला चलती है । इसके लिए उन्होंने बीस हजार रुपये दिये थे। हीरबाईके नामसे एक फंड है। उससे प्रति अमावस और पूनमको लायनामें मछलियोंका अगता रहता है यानी उस दिन कोई मछली नहीं पकड़ सकता है। स्व. कृपालजी सेठ बड़े ही उदार और गरीबोंकी सहायता करनेवाले थे।
पुण्यात्मा सोनपाल सेठ इस तरह धन और विशाल कुटुंबका त्याग कर सन् १९२८.के २९ मार्चको इस मवका त्याग कर गये।
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