________________
जैनरत्न (उत्तरार्द्ध) वे जितने उत्साही समाजसेवक थे उतने ही न्यायप्रिय मी थे। जिस समय उनका देहांत हुआ उस समय 'स्मॉल काज कोर्टमें' शोक प्रदर्शित करनेके लिए एक सभा हुई थी। उस समामें स्मॉल कॉन कोर्टके चीफ जज श्रीयुत 'कृष्णलाल मोहनलाल जवेरीने कहा था:-" इनके अवप्तानसे इनके न्यायाधीश मित्रोंको बहुत बड़ा नुकसान हुआ है और बंबईकी स्मॉलकॉज कोर्ट में लड़ते झगड़ते आनेवालोंको एक निष्पक्ष और मायालु जज खोना पड़ा हैं। वे स्वर्गमें आनंद भोगते होंगे; परन्तु उन्हें चाहनेवालों और मित्रोंको ऐसी हानिमें डाल गये हैं जो की पूरी होनेवाली नहीं है।"
.
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com