________________
महाराजकी इसबातको सुनकर ज्योतिर्विद नैमित्तिक अष्टांग निमित्तोंसे भलीभांति महाराजके प्रश्नको विचारकर बोला महाराज मै ज्योतिषशास्त्र के बलसे "आपके पुत्रोमेंसे राज्यका भोगनेवाला कोनसा पुत्र होगा” कहता हूं आप ध्यान लगाकर सुनिये ____उसके जाननेका पहिला निमित्त तो यह हैं:-- कि आपके जितने पुत्र हैं सब पुत्रोंको आप एक एक घड़ेमें शक्कर भरके दीजिये उनमें जो पुत्र किसी दूसरे मनुष्य पर उस घड़ाको रखकर निर्भय सिंहके द्वारमें प्रवेशकर अपने घरमें खेलता हुवा चला आवे जानिये कि वही पुत्र राज्यका अधिकारी होगा।
दूसरा निमित्त यह है कि आप अपने सब कुमारोंको एक एक नवीन घड़ा दीजिये और उनसे कहिये कि हरएक ओसके जलसे उस घड़ेको भरकर ले आवे जो पुत्र ओससे घड़ाको भरकर लेआवेगा अवश्य वही पुत्र राजा होगा।
तीसरा निमित्त यह भी है:-- कि आप अपने सब पुत्रोंको एकसाथ भोजन करनेकेलिये बैठालिये और आप उन पुत्रोंको खीर सक्कर पूर्व और दाल भात आदि सर्वोत्तम स्वादिष्ट पदार्थोको एक साथ बैठाकर खिलाइये जिस समय वे भोजनके म्वादमें अत्यंत लीन हो जावें उस समय भयंकर डाढ़ावाले अत्यंत क्रूर तथा वाघोंके समान मत्त कुत्तोंको धीरेसे छुड़वादीजिये । उससमय जो पुत्र उन भयंकर कुत्तों को हटाकर आनंदपूर्वक
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com