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( ३१८ ) आकाशमें जैसी तारा शोभित होतीहै रानी चेलनाभी ठीक उसी प्रकार सातपुत्रोंसे शोभित होनेलगी । इसप्रकार आपसमें आतशय सुखी समस्तखेदोंसे रहित वे दोंनो दंपती आनन्द पूर्वक भोगभोगते राजगृह नगरमें रहने लगे। ___ कदाचित् अनेक राजा और सामंतोसे सेवित भलेप्रकार बंदीजनोंसे स्तुत महाराज श्रेणिक छत्र और चंचल चमरोंसे शोभित अत्युन्नत सिंहासनपर बैठतेही जाते थे कि अचानकही सभामें वनमाली आया । उसने विनयसे महाराजको नमस्कार किया एवं षट्कालके फल और पुष्प महाराजकी भेट कर वह इस प्रकार निवेदन करने लगा।
समस्तपुण्योंके भण्डार ! बड़े २ राजाओंसे पूजित ! दयामयचित्तके धारक ! चक्र और इन्द्रकी विभूतिसे शोभित ! देव !-विपुलाचल पर्वतपर धर्मके स्वामी भगवान महावीर का समवसरण आया है । भगवानके समवसरणके प्रसादसे वनश्रीसाक्षात् स्त्री वनगई है क्योंकि स्त्री जैसी पुत्ररूपी फल युक्त होती है वनश्री भी स्वादु और मनोहर फलयुक्त होगई है। स्त्री जैसी सपुष्पा रजोधर्मयुक्त होती है वनश्री भी सपुप्पा हरे पीले अनेक फूलोंसे सज्जित होगई है । स्त्री जैसी यौवनअवस्थामें मनोद्दीप्ता कामसे दीप्त होजाती है वनश्रीभी मदनोद्दीप्ता मदनवृक्षसे शोभित होगई है । भगवान के समवसरणकी कृपासे तालावाने सज्जनोंके चित्तकी तुलना
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