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ariat आकर एवं अपनी शरीरकांतिसे अंधकार को नाशकर ने - वाली थी । और उसका नाम बसुकांता था ।
उसीसमय कौशांबी पुरी में एक चंडप्रद्योतन नामका प्रसिद्धराजा राज्य करता था । चंडप्रद्योतन अतिशय तेजस्वी वीर एवं विशालसेनाका स्वामी था ।
कदाचित् कुमारी वसुकांताने यौवन अवस्था में पदार्पण किया, राजा चंडप्रद्योतनको इसके युवती पने का पता लगगया । कमारीके गुणोंपर मुग्ध हो राजा चंडप्रद्योतनने शीघ्र ही राजा
सुपालसे उस पुत्रीकेलिये प्रार्थना की । और उनके साथ बहुत कुछ प्रेम दिखाया। किंतु राजा चंडप्रद्येोतन जैन न था । इसलिये राजा वासुपालने उसकी प्रार्थना न सुनी और पुत्री - के लिये साफ इन्कार करदी |
राजा चंडप्रद्योतनने यहबात सुनी । उसने शीघ्र ही सेना सजाकर भूमितिलक की ओर प्रस्थान करदिया । कुछ दिन बाद मंजल दरमजल करता करता राजा चंडप्रद्योतन भूमितिलक पुरमें आ पहुंचा । आते ही उसने अपनी सेनासे समस्तनगर घेरलिया और लडाईकेलिये तयार हो गया -
राजा बसुपालको इसबातका पता लगा उसने भी अपनी सेना सजवाली। तत्काल वह चंडप्रद्योतनसे लडनेके लिये निकल पडा-और दोनों दलकी सेनामें भयंकर युद्ध होनेलगा - मेघनाद मेघशब्दसे जैसे मयूर उधर उधर नाचते फिरते हैं मेघनाद ( बिगुल )
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