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माता नहीं । इन्हीं कन्याओंको बिना समझे सात माता मान रक्खा है । यह सातमाताका मिथ्यात्व उसीसमयसे जारी हुवा है । संसारमें अव भी कई स्थानोंपर यह मिथ्यात्व प्रचलित है। ____ सातो कन्याओंमें राजा चेटककी चार कन्या विवाहिता थीं । प्रथम कन्याका विवाह नाथवंशीय कुंडलपुरके स्वामी महाराज सिद्धार्थके साथ हुवा था । द्वितीय कन्या मृगावाती नाथवंशीय वत्सदेशमें कौशांबी पुरीके स्वामी महाराज नाथके साथ विवाही गई थी। तथा तृतीय कन्या जो कि वसुप्रभा थी उसका विवाह राजा चेटकने सूर्यवंशीय दशाण देशमें हेरकच्छपुरके स्वामी राजा दशरथको दी थी। एवं चतुर्थ कन्या प्रभावतीका विवाह कच्छदेशमें रोरुक पुरके स्वामी महाराज महातुरके साथ होगया था । वांकी अभी तीन कन्या कुमारी ही थीं।
कदाचित् ज्येष्ठाको आदि ले तीनों कन्या चित्रकार भरतकें पास गई । और उन सबमें बड़ी कुमारी ज्येष्ठा ने हंसी हंसी में चित्रकारसे कहा।
भरत ! हम जब तुझै उत्तम चित्रकार समझे। कुमारी चेलनाका जैसा रूप है वैसाही इसका वस्त्ररहित चित्र खींच कर तू हमैं दिखावे--
कमारी चेलनाका वस्त्ररहित चित्र खींचना भरतकेलिये
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